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Tuesday, August 11, 2015

सरकार आदिवासीयो के विकास के पक्ष में नहीं है , इसलिए हम आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासियों को बधाई देने की बजाय उनके लिए संघर्ष करने का प्रण करते है।



 
आज भारत मे नक्सलवाद क्यो बढ़ रहा है और इसका मुख्य कारण क्या है शायद ही किसी ने जानने की कोशिश की होगी | हमारे आदिवासी भाई नक्सलवादी क्यो बने? आदिवासी समाज आज भी मुख्यधारा से कटा हुआ है या यूँ कहे की आज वो उन सुविधाओं से वंचित है जो की एक अति पिछड़े गाँव में भी होती है|प्रकृति संसाधन ही मुख्य रूप से इनका सबकुछ है, जल -जमीं और जंगल के रक्षक और पूजक वास्तव में यही लोग है तथा इन्ही पर इनकी जीविका टिकी हुई है|राज्य सरकारे बिना इनके पुनर्वास के और कोई सुविधा दिए बगैर अपने लाभ के लिए इन्हें इनके जीविका श्रोतो से बेदखल करना शुरू कर दिया|
जब आदिवासी भाइयो ने अपने जल, जमीन, जंगल छिनने का विरोध जताया तो उन्हे गोलियो से मार दिया गया और तब आदिवासियो ने शस्त्र उठाए | आजादी से लेकर हर साल अगर इनका एक 1 % भी विकास किया होता तो आज ६७ सालो मे ६७ % विकास हुआ होता परंतु इनका एक 1% भी विकास नही किया गया । इनके जल जमीन जंगल पर जिस सरकार का भी अधिकार नही है उसे हड़प करने के... लिए आदिवासियो को नक्सलवादी करार देकर गोलियो से मारकर उनके जल जमीन जंगल हड़प लिए जा रहे है , क्यो की ये जहाँ -जहाँ रहते है वहा अनमोल खनिज धातुए पाई जाती है और ये सब मुठ्ठीभर पूँजीपतियो के झोलीमे डालने के लिए किया जाता है ।
और तो और इन्हें मारने के लिए राज्य सेनाओं को विदेश मे ब्लैक कमांडो की ट्रेनिंग दी जाती है और हथियार वगैरा पर लगभग सरकारी बजट का 5% पैसा खर्च किया जाता है । मतलब उन्हें मारने के लिए 5% बजट खर्च किया जाता है किंतु उनके विकास के लिए 1% भी खर्चा नही किया जाता । अगर राज्य सरकारों ने ईमानदारी से इनका विकास किया होता तो इन्हें शायद नक्सली बनने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे ये प्रमाणित होता है की सरकार आदिवासीयो के विकास के पक्ष में नहीं है , इसलिए हम आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासियों को बधाई देने की बजाय उनके लिए संघर्ष करने का प्रण करते है।








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