Tuesday, June 2, 2015

क्या आरक्षण हमारे लोगों को कमजोर बना रहा है ?

क्या आरक्षण हमारे लोगों को कमजोर बना रहा है ?
Bhim Rao
शिरडी में दलित युवक की इस लिए हत्या कर दी जाती है क्यों की उसकी रिंगटोन थी "तुम चाहे करो जितना हल्ला, मजबूत होगा भीम का किला,राजस्थान के नागौर के डांगावास में दलितों को ज़मीन विवाद में सामूहिक रूप से मर दिया जाता है ,मध्य प्रदेश के रतलाम में दलित युवक को हेल्मेंट पहन कर बारात निकलनी पड़ती है ,उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में दलित महिलाओ को निर्वस्त्र कर घुमाया जाता है , हरियाणा में चार दलित लडकियों के साथ रेप होता है वो महीनो तक जंतर मंतर पर बैठी रहती है पर कोई सुनवाई नहीं होती ,और न दलित नेता कोई बयान देते है और न दलित समाज कोई बड़ा आंदोलन करता है , इस के पीछे वजह क्या है ,इस के पीछे की सबसे बड़ी वजह है हमारे ज्यादा तर लोगो का सरकारी नौकरियो पर होना जिस की वजह से वह दलित आंदोलन में भाग नहीं ले पाते ,क्यों की उनको हमेशा यह डर लगा रहता है की कही हमारे ऊपर एफआईआर हो गई तो हमें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा और यह वजह है की हमारे आंदोलन कमजोर और बेबस लोगो के आंदोलन के आलावा कुछ और साबित नहीं होते ,और हमारे देश की सरकार केवल उग्र आंदोलन पर अधिक ध्यान देती ,आज गुर्जर ट्रैन की पटरी पर बैठ तो सरकार दौड़ती हुयी पहुंची उनको मानाने , अगर हम आपने दलितों में बात करे तो हमारे चमार भाइयो की एकता एक मिसाल है ,उनकी सीधी नीति है कोई उंगली दिखाए को हाथ काट दो ,कोई आँख दिखाए तो आँख निकाल लो ,को गली दे जुबान काट दो ,और आन -बान -शान पर हाथ डाले तो गर्दन काट दो ,इस की वजह से शुरवाती कुछ वारदातो के बात किसी में यह हिम्मत नहीं हो रही की हमारे चमार भाइयो को हाथ लगाये क्यों की उनको मालूम है यह तलवार का जवाब तलवार से और प्यार का जवाब प्यार से देने वाले लोगो है और पंजाब में इस वजह से दलितों पर जुर्म की वारदातो में गिरावट भी दर्ज हुई है ,और हमारे आंदोलन अगर ऐसे ही बेबस लोगो के आंदोलन बने रहे तो वो दिन दूर नहीं जब हमे वो जुल्मो सितम के वह पुराने दिन देखने पड़ने जिस से बाबा साहेब से हमे मुक्ति दिलाई थी

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