कैसे नहीं दोगे जमीन,देखते नहीं कि सड़कों पर उतरने लगे हैं युद्धक विमान कि झीलों और समुंदरों की गहराइयों से मौसम की जमीं पर होने लगी है अग्निवर्षा
Today, during a book launch, Pranab Mukherjee spoke extempore on the importance of preserving the 'diversity' and 'plurality' in the country and the need for the spirit of `tolerance'.
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