शर्मिंदा तो #अटलजी थे...
2002 में!
उन्होंने कहा था
अब मैं क्या मुंह लेकर जाऊंगा विदेश?
उन्हें अगले हफ़्ते ही तो जाना था!
2002 में!
उन्होंने कहा था
अब मैं क्या मुंह लेकर जाऊंगा विदेश?
उन्हें अगले हफ़्ते ही तो जाना था!
उनकी शर्मिंदगी का कारण
भारत में उनका जन्मा होना नहीं था
बल्कि वह व्यक्ति था
जो आज दुनिया भर में घूम-घूम कर अपमानित कर रहा है देश को!
भारत में उनका जन्मा होना नहीं था
बल्कि वह व्यक्ति था
जो आज दुनिया भर में घूम-घूम कर अपमानित कर रहा है देश को!
काश वह बोलने में सक्षम होते इन दिनों!
वह यह तो कह ही देते कि वह कभी भी शर्मिंदा नहीं थे, भारतीय होने पर!
अब समझ आया कि ये जो
अक्सर करते थे गर्व हिंदू होने पर
क्यों नहीं गर्व कर पाए भारतीय होने पर!
अक्सर करते थे गर्व हिंदू होने पर
क्यों नहीं गर्व कर पाए भारतीय होने पर!
यह दर असल घिनौना अध्याय है
राष्ट्रीय अपराध कथा का
राष्ट्रीय अपमान कथा का!
राष्ट्रीय अपराध कथा का
राष्ट्रीय अपमान कथा का!
No comments:
Post a Comment