बलिहारी उनकी भी,जो नहीं समझते कि हिंदू साम्राज्यवाद क्या है!
पलाश विश्वास
Histroy Of Hindu Imperialism - Internet Archive
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- Jun 27, 2013 - History of Hindu Imperialism Written by Swami Dharma Theertha.
History of Hindu Imperialism: Dharma Theertha - Amazon.com
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History of Hindu Imperialism - Gautam Book Center
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First Book: The Dark World Of Hinduism - Harun Yahya
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- Hindu recluses believe that a life of hunger, destitution and pain will lead them ... The author of History of Hindu Imperialism, Swami Dharma Theertha explains:
HISTORY OF HINDU IMPERIALISM - Google Groups
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- Jul 8, 1996 - Book title: History of Hindu imperialism. Author: Swami Dharma Theertha (1893-1978) Publishers: Dalit educational literature centre, P.O.Box.
History Of Hindu Imperialism - Google Books
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- This Book Is Written With A Keen Insight Into The Historical Development OfHinduism From The Earliest Times.
History of Hindu Imperialism - AbeBooks
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- AbeBooks.com: History of Hindu Imperialism: Used hardback copy. Some wear but generally good copy. xv, 260pp, viii.
Hindu Wisdom - European Imperialism
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- To understand Hinduism, it is necessary that we examine its history and marvel ..... no holy wars and have refrained from that proselytizing religious imperialism ...
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नेपाल भूकंप की आड़ में हिंदू साम्राज्यवादी एजंडा का हम लोग लगातार पर्दाफाश कर रहे हैं।लेकिन भारत के लोगों को मालूम ही नहीं पड़ रहा है कि यह हिंदू साम्राज्यवाद क्या बला है।
भारत के गृहमंत्री एकदा प्रधानमंत्रित्व के मजबूत उम्मीदवार राजनाथ सिंह मोदी ममता युगलबंदी से टैगोर के भूगोल को केसरिया बनने के दिन ही अयोध्या में गये और हमनुमानगढ़ी से उनका उद्गार लाइव प्रसारित हुआ कि राज्यसभा में बहुमत नहीं है और इसीलिए राममंदिर वे कानून बनाकर पास नहीं कर सकते।भलें नहीं वह नारा,अयोध्या झांकी है,मथुरा काशी बाकी है।
आनंद पटवर्द्धन की फिल्म राम के नाम फिर एक दफा देख लें।वैसे अयोध्या के बाद काशी और मथुरा से लेकर उत्तर पूर्व पश्चिम दक्खिन सर्वत्र झांकियों में गुजरात लहलहाने लगा है।
वैसे गृहमंत्री के इस बयान से हिंदुत्व एजंडा का कुछ लेना देना नहीं है और न ही इससे न संघ परिवार का एजंडा साफ होता है और न हिंदू साम्राज्यवाद के ग्लोबल महाविध्वंस का।विदेशी पूंजी और विदेशी हित कारपोरेट केसरिया राज की सर्वोच्च प्राथमिकता है और शत प्रतिशत हिंदुत्व के राजकाज में राम मंदिर एक दिलफरेब शिगूफा के अलावा कुछ भी नहीं है।
बिना बहुमत जब दो तिहाई बहुमत से संविधान संशोधन कानून तक पास कराकर नरमेध की वधसंस्कृति लहालहा रही है 1991 से,जबकि बाबरी विध्वंस हुए जमाना बीत रीत गया,हिदुत्व के कारोबारी राम की सौगंध खाकर बच्चा बच्चा रामनाम के हवाले करने के बावजूद,सत्ता में होने के बावजूद वोट बैंक समीकरण साधने के लिए मुसलमानों को टोपी पहनाने की धर्मनिरपेक्षता की तर्ज पर निरंतर राम मंदिर राम मंदिर जयश्री राम जय श्रीराम जाप कर रहा है।
भव्य तो क्या,राम मंदिर के नाम पर कुछ नहीं करने वाला यह संघ परिवार क्योंकि राममंदिर दरअसल उसके एजंडे में हैं ही नहीं।वैसे भी शतप्रतिशत हिंदुत्व के हिंदू राष्ट्र में हर धर्मस्थल राम मंदिर ही ठैरा।
दरअसल अधर्म जिनका धर्म है,आस्था जिनका कारोबार है,मनुस्मृति जिनका नस्ली रंगभेदी शासन है और मनुष्य और प्रकृति का महाविनाश जिनका परमार्थ है,उनका धर्म कर्म सबकुछ मनुष्यता के विरुद्ध युद्ध अपराध का बेइंतहा सिलसिला है जिससे कयामती मंजर भले बनते नजर य़ाये,कहीं कोईराम का मंदिर बन ही नहीं सकता।
जैसे बंगाल के हिंदू और मुसलमान,शरणार्थी और आदिवासी धर्मोन्मादी धर्मनिरपेक्ष ध्रूवीकरण के झांसे में सच्चर रपट का यथार्थ भूले हैं और पीपीपी विकास की नूरा कुश्ती के बाद अब झूलनोत्सव में मगन है,बाकी देश भी उसीतरह रामराज्य है।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की ओर से शुक्रवार को जारी भारत के लिए कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत आज 65.81 डॉलर प्रति बैरल रही।
रुपये की कमजोरी फिर से डराने लगी है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये का भाव 20 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गया। अब 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये तक पहुंच गई है।
इसी माहौल में खुदरा कारोबार से बनियों को बेदखल करने के लिए उनकी पार्टी के बिजनेस फ्रेंडली राजकाज के तहत 5 ऑनलाइन रिटेल कंपनियों को कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया यानि सीसीआई ने राहत दी है।
रफ़ाल युद्धक विमानों के सौदे के बारे में काफी कुछ छपा है।अब कहा जा रहा है कि भारतीय सेना के पास लड़ने के वास्ते हथियार नहीं है।परमाणु रिएक्टरों का जाल,अंतर्जाल के डिजिडल देश में बुलेट ट्रेन,भारत निर्माण,भारत माला के मध्य राष्ट्र का सैन्यीकरण तेज तेज तेज।यही है संघ परिवार का स्वराज रामराज्य।
हर बार बड़े रक्षा सौदों के वक्त यही कहा जाता है और सीमा पर युद्ध का माहौल बनाया जाता है।ग्लोबल हिंदुत्व की ब्रांडिंग में भारत के जिन नवअरबपति का सबसे बड़ा योगदान हैं,भारत के सारे समुद्रतट जिनके नाम कर दिये गये हैं और सरकारी बैंकों से जिन्हें अरबों का कर्ज निवेश के लिए मिल रहा है, रफ़ाल और दूसरे सौदों में उनकी सबसे बड़ी भूमिका है।
भारत माला स्मार्ट सिटी बनाने में ट्रिलियन डालर का स्कैम दरअसल राममंदिर एजंडा है।
हो तो हो,हमारा आपका क्या बनता बिगड़ता है।इस देश की जनता की औकात उसके पांचसाला मताधिकार से बढ़कर कुछ नहीं है।
वोट निपट गया तो फिर वहीं कुत्ते की गत।चाहे खेतों खलिहान में खुदकशी करें,चाहे दुकान में फांसी लगा लें,चाहें घर में बिना इलाज मरें,चाहे बंद कल कारखानों या चायबागानों के साथ दम तोड़ दें या चाहे महानगरों के फुटपाथ पर कुत्तों की तरह सोते हुए किसी महानायक की कार के नीचे कुत्ते की मौत मरें।
हम बार बार लिख रहे हैं कि इस धरती पर सेबी से बड़ा कोई पोंजी नेटवर्क है नहीं।जिन्हें शेयरबाजार समझ में नहीं आता वे कायदे से आईपीएल का स्कोर देख लिया करें।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के पिटे हुए तमाम घोड़े कैसे रेसकोर्स पर सरपट दौड़ते हैं और हर चौके और हर छक्के और हर विकेट के साथ चियरिनों के साथ साथ सितारों के जलवा और विज्ञापनों के इंद्रधनुष सिडनी की आतिशबाजी में तब्दील है।इसके साथ दुनियाभर की सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग को जोड़ ले।कुल मिलाकर शेयर बाजार का किस्सा यहींच।
अब राजकाज यही है कि
अब बुनियादी जरुरत यही हैकि
अब मसला यही है सिर्फ
अब भारत निर्माण के साथ साथ
भव्य राममंदिर का मेकिंग इन यही है कि जैसे तैसे दिसंबर अंततक सेनसेक्स को बत्तीस हजार तक कैसे पहुंचाया जाये।
रिजर्व बैंक को फिनिश करके सेबी के हवाले है अर्थव्यवस्था फिर भी विदेशी पूंजी और विदेशी हितों के लिए अनंत टैक्स होलीडे,विदेशी निवेशकों को पिछला टैक्स माफ करके भारतीय इंडिया इंक का बाजा बजाते हुए एकमुश्त खुदरा कारोबार,निर्माण विनिर्माण, ऊर्जा, संचार, कृषि, शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन, विमानन ,खनन, बीमा, औषधि, रसायन, रेलवे,बंदरगाह,बैंकिंग सारे सेक्टर से देशी कंपनियों का सफाये,देशी उत्पादन प्रणाली के ध्वंस, विनिवेश, विनियंत्रण और विनियमन सुनामी के जरिये ग्लोबल हिंदुत्व के विस्तार के लिए जो हाई कस्ट इकोनामी का महाश्मशान बनाने के लिए सोने की चिड़िया प्राकृतिक संसाधनों का भूगोल विदेशी पूंजी के हवाले करने वास्ते इंडिया टीम बनायी जा रही है मेकिंग इन के तहत,वहीं शत प्रतिशत हिंदुत्व का वर्ण वर्चस्वी नस्ली हिंदू साम्राज्यवाद है जिसका प्रकृतिविरोधी,पर्यावरण विरोधी और मनुष्यविरोधी चेहरा नेपाल के महाभूकंप में बेपर्दा भी हो गया है।
अब भी लोगों को हिंदू साम्राज्यवाद समझ में नहीं आ रहा है तो बंगाल के मुसलमानों और बंगाल के हिंदुओं की तरह वे लोग बेहद मासूम हैं।
पण जिस इंडिया इंक बाकायदा जनादेश के कारपोरेटबंदोबस्त के तहत संघ परिवार की ताजपोशी की,उनका क्या होगा रे कालिया?
विदेशी पूंजी,विदेशी हितों की गुलाम बिजनेस फ्रेंडली सरकार ने पहले ही संघ परिवार के सबसे कट्टर समर्थक बनिया संप्रदाय यानि किराना बाजार से लेकर खुदरा कारोबार की हर अली गली कलि विदेशी पूंजी के हवाले कर चुकी है और अब यह सोने की चिड़िया बेचो ब्रिगेड न सिर्फ सरकारी उपक्रमों और महकमों का निजीकरण पीपीपी माडल के बगुला राज के तहत कर रही है,बल्कि अमेरिकी,इजराइली,चीनी,कोरियाई और जापानी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार से देशी कंपनियों को बेदखल करने लगी है।
मान्यवर,तेल की कीमतें तेज होने लगी हैं और हिमालय में झटके रोजाना तेज होने वाले हैं।नेपाल में कल ही चार रिक्टर स्केल से ज्यादा तेज झटके तीन बार महसूसे गये।अंडमान और कच्छ में भूंकप आ चुके हैं।दिल्ली से लेकर कोलकाता तक महाभूकंप क्षेत्र है तो समूचा समुद्रतट सुनामी क्षेत्र है और हरियाली उजाड़ो कार्यक्रम विदेशी कंपनियों वास्ते न सिर्फ पागल दौड़ है,बल्कि कहीं आफसा तो कहीं सलवा जुड़ुम है।
अलनिनो सिरहाने है और देशभर में फसलें चौपट है।हिमालय के तमाम ग्लेशियर पिघल रहे हैं।बिकी हुई ,बंधी हुई तमाम नदियों में या तो सूखा है.या डूब है या फिर परमाणु बम।जनसंख्या के सफाये का चाकचौबंद इंतजाम है तो बेलगाम मुद्रास्फीति का कार्निवाल है।
ब्याज दरें घटाते हुए,मौद्रिक कवायद से,चिटफंडिया अर्थव्यवस्था से, सैन्यदमन से,बेटिंग से ,फिक्सिंग से चाहे कुछ भी आजमा लो मंदी की काली छाया की चपेट में आने से बचा नहीं सकता।तमाम रियायतों के बावजूद चंचला लक्ष्मी विदेशी पूंजी के पांव ठहर नहीं रहे हैं भारत में।खुल्ला दरवाजा, खुल्ली खिड़कियों से जैसे आ रही है पूंजी,अगले ही क्षण वैश्विक इशारों से भाग रही है पूंजी।वित्तीय घाटा और राजस्व घाटा ही अब विकास दर है।
बजट में सारी सामाजिक योजनाएं खारिज।
बजट में महिलाओं, बच्चों, अनुसूचितों, आजिवासियों,शिक्षा,चिकित्सा और बुनियादी चीजं और सेवाओं के लिए अनुदान नहीं के बराबार।जल जंगल जमीन आजीविका नागरिकता प्रकृति और पर्यावरण के खिलाफ देश के चप्पे चप्पे में अश्वमेधी घोड़े और सांढ़ दौड़ रहे हैं।
भूकंप का सिलसिला है और केसरिया सुनामी है।कारपोरेटफंडिंग की सर्वदलीयसहमति की संसदीय राजनीति है और सड़कों पर बेइंतहा सन्नाटा है।राजधानी में सेंसर है और आप है।खेतों में शिलावृष्टि है।पहाड़ों में हिमस्खलन है या भूस्खन है तो मैदानों में थोक आत्महत्याएं है या थोक कत्लेआम।यही है हिंदू साम्राज्यवाद की दैवी मनुस्मृति रंगभेदी देवसंस्कृति और देवभाषा।
अब बताइये कि जब बजट में प्रावधान हैं नहीं तो वोट बैंक साधो अभियान के तहत जो सत्यनाराणण का प्रसाद और हरिलूठ के बतासे जनधन आधार विस्तार के तहत बांटे जा रहे हैं,उनका खर्च कहां से आयेगा।
बताइये कि क्षत्रपों की कल्कि अवतार के साथ एकांत वार्ता और उससे पैदा होने वाली इंडिया टीम का आशय क्या है।
मसलन हज्जारों लोग रोजाना दुर्घटनाओं में मारे जाते है,दो लाख के हिसाब से बिन बजट मुआवजा कौन देने वाला है या बिन बजट कोई किसी राज्य के कर्ज माफी से लेकर पैकेज तक का इंतजाम कैसे कर सकता है।किसी के बाप का खजाना नहीं है भारत का रोजकोष कि कोई हिंदू ह्रदय सम्राट छप्पन इंच की छाती खोले सुपरमैन की तरह हवाओं में बांहें फैलाये दिशा दिशा में खैरात बांटते चलें।अर्थव्यवस्था बिन बजट चले और राजकाज बिन संसद,बिन जनसुनवाई,बिन कानून के राज।
राज्यों के हित में क्षत्रपों के अवसरवाद को जरा समझिये जनाब और लोकलुभावन योजनाओं की आड़ में सर पर लटकी तलवारों से भी जरा सावधान रहें नागरिकों, नागरिकाएं।
मसलन अभी अभी बड़ी परदातोड़ बड़ी खबर: जयललिता को कोर्ट ने बरी किया। जयललिता समेत चारों लोग बरी। फोटो पर क्लिक करके पढ़ें लाइव अपडेट्स...शारदा फर्जीवाड़ा फिर।
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हम लोग लिख रहे थे कि माकपा के नये महासचिव की चुनौतियां क्या हैं।कामरेड महासचिव ने खुदै साफ कर दिया है कि उनकी इकलौती चुनौती बंगाल में कामरेडों को घुरे दाडा़नो का मौका बनाने का है,जो वे हर्गिज कांग्रेस के साथ नये सिरे से हानीमून का सिलसिला शुरु करके भी कर नहीं सकते।
संघ परिवार का वरदहस्त दीदी पर है और धर्मोन्मादी ध्रूनवीकरण पूरे महादेश में है।हिंदू साम्राज्यवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध के बिना इस महाभारत का मंजर नहीं बदलने वाला है।
जो बंगाल रवींद्र जयंती को नरेंद्र महोत्सव में बदलने की हद तक केसरिया है,वहां वामदल सिर्फ वोटबैंक समीकरण से खोये जनाधार वापस नहीं कर सकते।सारे समाीकरण पर अब घासफूल कमल एकाकार हैं।
अब भी लेकिन ट्रेड यूनियन आंदोलन पर लाला झंडे का वर्चस्व है और विडंवना है कि मेहनतकश तबके के हितों पर कुठाराघात करके न सिरफ बाबासाहेब के बनाये कानून एक के बाद एक खत्म किये जा रहे हैं,तमाम श्रम कानून भी खतम।इस खतम अभियान का सिलसिला जारी है और श्रम सुधारों की अगली किस्थ अभी बाकी है और मजे की बात है कि उसके खिलाफ संघ परिवार का भारतीय मजदूर संघ युद्धं देहि हैं और कामरेडकुल में सन्नाटा है।
नवउदारवादी जनसंहारी सत्ता का प्राणपखेरु जो लाल दुर्ग में भली भांति सुरक्षित है,कामरेड महासचिव ने परमाणु समझौते मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापसी के फैसले को भूल मानकर कांग्रेस के सात प्रेम पिंगों की उम्मीद में इसीकी खुलासा कर दिया है।अब खंडन मंडन विखंडन का क्या।
खैर सर्वहारा,बहुजन या अस्मिताओं में बंटी आत्मघाती आम जनता का क्या।हजारों हजार साल से गुलामों की आबादी जैसे बढ़ती है,वैसे ही सत्ता हित के अनंत वधस्थल पर उनका सफाया का अश्वमेध अभियान थमा नहीं कभी।
वे तो निमित्तमात्र हैं और अपना अपना कर्मफल भुगतते हुए परलोक कृतार्त करने के पिराक में जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं,लेकिन इस बाटमलैस अर्थव्यवस्था पर अरबों का दांव लगाये बैठे हजरतान का क्या होना है,जबकि हिंदू साम्राज्यवाद की वैदिकी सभ्यता विदेशी पूंजी और विदेशी हितों की बलिबेदी पर दाना पानी चारा डालकर उन्हें ओ3म स्वाहा करने लगी है।
Would India Incs understand what a death trap it has set up to kill itself inviting imminent recession to boost Hindu Imperialism?http://ow.ly/MLLVR
How much we have to pay for our food? As we pay for MANFORCE? Would India Incs understand what a death trap it has set up to kill itself inviting imminent recession to boost Hindu Imperialism?
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इस पर तुर्रा यह कि माननीय रक्षा मंत्री ने साफ कर दिया है कि किसी विदेशी सेनाओं के खिलाफ राष्ट्र का यह सैन्यीकरण हो नहीं रहा है। रफ़ाल युद्धक विमानों की खरीददारी दरअसल आंतरिक सुरक्षा के लिए है।राष्ट्र की सुरक्षा को जाहिर है कि सबसे ज्यादा खतरा उन्हीं लोगों से हैं जो हिंदू साम्राज्यवाद के खिलाफ चूं भी करने की जुर्रत करें।
मीडिया की खबरों के मुताबिक रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। मंत्री ने यह टिप्पणी उन रिपोर्ट के मद्देनजर की, जिसके मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान आतंकवादी भारत में घुसपैठ कर जम्मू एवं कश्मीर के स्कूलों को निशाना बना सकते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में सेना दिवस समारोह के दौरान एक संवाददाता द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में पर्रिकर ने कहा, 'हम पूरी तरह तैयार हैं।' उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्कूलों पर हमले का प्रयास कर आतंकवादी ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करेंगे।
सेना के 16वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केएच सिंह ने संवाददाताओं से जम्मू में कहा, 'पीर पंजाल पहाड़ी इलाके में 36 ठिकानों पर लगभग 200 आतंकवादी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं।'
गणतंत्र दिवस पर ओबामा के भारत आगमन के पहले आतंकवादी स्कूलों तथा नागरिक इलाकों सहित विभिन्न जगहों पर हमले का प्रयास कर सकते हैं।
शोपियां जिले में गुरुवार को पांच आतंकवादी को मार गिराए जाने के बारे में पूछे जाने पर पर्रिकर ने कहा कि अभियान को पुख्ता खुफिया सूचनाओं के आधार पर अंजाम दिया गया।
गौरतलब है कि रफ़ाल फाइटर जेट सौदे को लेकर फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां-यवेस ल द्रियां ने बुधवार को भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकाल की। भारत फ्रांस से 36 रफ़ाल जेट खरीदने जा रहा है। फ्रांस के रक्षा मंत्री मंगलवार रात यूएई, कतर और सऊदी अरब की यात्रा के बाद भारत पहुंचे। फ्रांस के दूतावास से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच इस रक्षा सौदे को लेकर आगे की बातचीत होगी। बता दें कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान 36 रफ़ालयुद्धक विमानों के सौदे पर सहमति बनी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान पूरी तरह तैयार रफ़ाल विमानों की खरीदारी करने की घोषणा की थी। फ्रांस दूतावास से यहां जारी एक बयान के मुताबिक, दोनों रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 9-12 अप्रैल के फ्रांस दौरे के दौरान राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांद के साथ शुरू हुई सुरक्षा और रक्षा वार्ता को आगे बढ़ाएंगे, साथ ही 36 रफ़ाल विमानों की खरीदारी पर भी वार्ता करेंगे। मकसद है 10 अप्रैल की भारत-फ्रांस संयुक्त घोषण पर आगे की वार्ता करना।
गौरतलब है कि पिछले दिनों 28 अप्रैल से दो मई के बीच देश के पश्चिमी तट पर भारतीय और फ्रांसीसी नौसेना ने संयुक्त अभ्यास 'वरुण' पूरा किया है।
ली द्रियान के साथ वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और रफ़ाल निर्माता कंपनी दस्सॉ के वरिष्ठ अधिकारी भी आएंगे। 36 राफेल आयात पर लगभग 35 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
अब इकोनामिक टाइम्स को भी देख लेंः
हिंदू साम्राज्यवाद का सबसे नंगा बेशर्म चेहरा भारत का मीडिया है,जहां चितपावन,अयंगर, कान्यकूब्ज, नंबूदरी,मुखर्जी बनर्जी चटर्जी गांगुली चक्रवर्ती,मैथिली,सारस्वत शाश्वत वर्चस्व है और भारत की तमाम जातियों को गुलाम बनाने की रघुकुल रीति के तहत मनुस्मृति शासन उली भारतीय मीडिया की वैदिकी संस्कृति है,हां पैदल सेना के लोग कभी सिपाहसालार नहीं बनाये जाते।गोत्र परीक्षा के बाद ही पुरोहित नियुक्त होते हैं।इस मंदिर के अंतःस्थल में गैरब्राह्मण अछूतों का प्रवेश निषिद्ध है।
आज भी मेरे मेल बाक्स में दुनियाभर से विभिन्न भाषाओं के फीडबैक जमा हैं।कल रात माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के परमाणु समझौते पर यूपीए सरकार से समर्थन वापसी की खबर देते हुए अमलेंदु से बातें हुईं।नीलाभ का चट्टानी संगीत वाले आलेख की अगली कड़ी हस्तक्षेप पर पिछले रविवार को लग नहीं सकी थी,इसबार लगाने की याद दिलाने पर अमलेंदु ने कहा कि फीडबैक दसों दिशाओं से आ रहा है और रीडरशिप तेजी से बढ़ रही है।मदद करने को कोई अभी खडा़ नहीं हो रहा है।हमने कहा कि सब्र करो।दसों दिशाओं से मदद भी आने वाली है अगर तब तक हम जिंदा रहें।
शायद हमारे मित्रों को हमारी मौत का ही बेसब्री से इंतजार हो और हमारे मरने से पहले वे हमारे साथ खड़े नहीं हो सकते शायद।
बहरहाल मौत में अभी शायद कुछ वक्त बचा है और अभी हमारे रिटायर करने में कुल 372 दिन बाकी हैं और हम इस दौरान आनलाइन रहेंगे।सड़क पर आने से पहले तक।
हम कोई उन लोगों में शामिल नहीं हैं जो खास तौर पर बाजार में सांढ़ और घोड़े दौड़ाकर वसूली करते रहने के बाद अखबार का प्रसार साठ हजार से तीन सौ तक पहुंचा देने के बाद रिटायर होने के बाद छप्पन इंच की छाती में तब्दील होकर जनप्रतिबद्ध पत्रकारिता का दावा करें या हम उनमें भी नहीं हैं जो सलमान खान को सबसे बड़ा समकालीन मुद्दा मानते हैं।
दुनियाभर के अखबारों का प्रिंट प्रसार घट रहा है।अमेरिका से लेकर जापान और अब भारत में भी अखबारों का राजस्व आनलाइन है और प्रिंटेड सर्कुलेशन आंकड़ा भर है।
इसी वास्ते मैनफोर्स और जापानी तेल और राकेटकैप्सूल की बहारें हैं।आइकन हैं।
इस धोखाधड़ी का किस्सा भी हम बतायेंगे कि कैसे जिंदा अखबारों का कत्ल जानबूझकर किया जाता है और महज फाइल कापी छापकर देश भर के केंद्रों के फर्जीवाड़ा को करोड़ों के सर्कुलेशन में बदला जाता है।
बहरहाल कारपोरेटमीडिया के कारोबार का जनता से कोई मतलब है ही नहीं तो उसका रोना लेकर बैठना क्या।
हस्तक्षेप का सर्कुलेशन कुछ हो नहीं सकता क्योंकि यह आनलाइन है।लेकिन तेजी से रीडरशिप बढ़ रही है और नेटवर्क का भी विस्तार हो रहा है।अभी सर्वर तुरंत बदलने की जरुरत है और अपलोडिंग के लिए कम से कम पांच लोग चाहिए।
हमारे पास लोग तैयार हैं लेकिन न बैठने की जगह है,न कंप्यूटर है और न सर्वर के पैसे।हाल तो यह है कि स्टीवेंस से अब राजनीतिक मंतव्य या स्थानीय खबरे लिखने के लिए हमें मना करना पड़ा है क्योंकि सत्ता समर्थक तत्वों ने इस बीच उस पर कई दफा हमले किये हैं।हिंदी के बजाय उसे अब आर्थिक मुद्दों पर अंग्रेजी में लिखने को कहा है।
हस्तक्षेप पर लिखे का असर यह होने लगा है कि प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं।अब सोशल मीडिया पर हमारे लिखे पर सवाल दागे जा रहे हैं,यह हिंदू साम्राज्यवाद क्या बला है?
हमारा लिखा जिनकी समझ में नहींं आता वे कृपया अपनी शिथिल इंद्रियों को मैन फोर्स से तनिक राहत दें,जापानी तेल से थोड़ा परहेज करें,शापिंग से थोड़ा वक्त निकालें और गौर से अपने आस पास सामाजिक यथार्थ की गगन घटा गहरानी का जायजा ले और खबरों के दूसरे रुख को नजरअंदाज न करें।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बयान देकर सुर्खियां बटोर ली है। दरअसल राजनाथ सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने की पैरवी की है। अयोध्या में राम लला के दर्शन करने गए राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर सौहार्दपूर्ण माहौल में राममंदिर बने तो इससे अच्छा कुछ नहीं होगा।
हालांकि उन्होंने राममंदिर निर्माण के साथ सौहार्द के लिए भी कहा है। इससे पहले भी राजनाथ सिंह ने राम मंदिर निर्माण को लेकर कहा था कि बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने के वास्ते संसद में प्रस्ताव लाना इस बार संभव नहीं होगा।
The Economic Times
10 mins ·
Prime Minister Narendra Modi's first post on Weibo, saying hello to people of China, has over 11 million reads; 8,733 forwards; 12,316 comments and 18,594 likes.
The idea came from the PM himself before he was leaving for threenation tour to Seychelles, Mauritius and Sri Lanka, said the official.
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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बयान देकर सुर्खियां बटोर ली है। दरअसल राजनाथ सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने की पैरवी की है।
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