Sustain Humanity


Wednesday, May 6, 2015

मैनफोर्स के मुकाबले यह कायनात तुम्हारे हवाले दोस्तों! इस कायनात की सेहत के वास्ते हमें असंख्य गिरदा चाहिए।जो परचा और चिरकुट लिखकर हाथों हाथ हिमालय के उत्तुंग शिखरों से लेकर समुंदर की हर लहर तक को खबरदार कर दें आने वाली कयामतों के खिलाफ,जो मोर्चाबंद कर सकें जुल्मोसितम की नस्ली जनसंहारी आदमखोर हुकूमत के खिलाफ समूची इंसानियत को। 'बुद्ध डिप्लोमेसी' से एशिया में पावरफुल बनेगा भारत खबरदार। सिंहद्वार पर कयामत दे रही है दस्तक। खबरदार। पलाश विश्वास

मैनफोर्स के मुकाबले
यह कायनात तुम्हारे हवाले दोस्तों!
इस कायनात की सेहत के वास्ते हमें असंख्य गिरदा चाहिए।जो परचा और चिरकुट लिखकर हाथों हाथ हिमालय के उत्तुंग शिखरों से लेकर समुंदर की हर लहर तक को खबरदार कर दें आने वाली कयामतों के खिलाफ,जो मोर्चाबंद कर सकें जुल्मोसितम की नस्ली जनसंहारी आदमखोर हुकूमत के खिलाफ समूची इंसानियत को।

'बुद्ध डिप्लोमेसी' से एशिया में पावरफुल बनेगा भारत

खबरदार।
सिंहद्वार पर कयामत दे रही है दस्तक।
खबरदार।
पलाश विश्वास
खबरदार।
सिंहद्वार पर कयामत दे रही है दस्तक।
खबरदार।
मीडिया की खबर है कि भूकंप के झटकों के बाद विश्व प्रसिद्ध स्मारक आगरा के ताजमहल की मजबूती के दावों को बुधवार को बड़ा झटका लगा। ताज में बनी सरहिंदी बेगम के मकबरे के छज्जे में लगा पत्थर टूट गया और सीधे सैलानियों के लिए बने शेड के ऊपर आ गिरा। गनीमत रही कि सुबह हुए इस हादसे के समय भीड़ कम थी और शेड के नीचे पर्यटक नहीं थे। बुधवार सुबह करीब आठ बजे ताजमहल पूर्वी गेट पर सैलानियों के प्रवेश का सिलसिला चल रहा था। उसी दौरान अचानक तेज आवाज हुई और पर्यटकों में हलचल मच गई।

अब तो कुछ अपने हिस्से के पहाड़ों,अपने हिस्से की नदियों,अपने हिस्से के समुंदरों ,अपने हिस्सों के जल जंगल जमीन मनुष्यता और इस कायनात की सेहत का ख्याल कीजिये जनाब।

आधी रात सलमान के घर पहुंचे शाहरूख, कहा: ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे’।फिरभी सलमान खान को सजा हो गयी।  

गौरतलब है कि जरायम और आतंक की दुनिया के सरगना दाऊद इब्राहीम के बारे में मंगलवार को सरकार ने कहा कि उसके ठिकाने से वह अनजान है। इससे पहले सरकार दावा करती रही कि दाऊद के पाकिस्तान में होने के पक्के सबूत उसके पास हैं। लेकिन सरकार ने अपने पहले के रुख से उलट संसद में अजीबोगरीब जवाब में कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि वह माफिया सरगना कहां है। लेकिन अपने इस जवाब से असहज स्थिति में घिरने पर सरकार अब बुधवार को अपने इस उत्तर के बारे में सदन में स्पष्टीकरण दे सकती है।

गौरतलब है कि अघोषित सेंसर शिप और नागरिकों की ड्रोन बायोमेट्रिक रोबोटिक निगरानी के बावजूद  नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाए जाने की विभिन्न दलों के सदस्यों की मांग के बीच सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि बिना किसी भेदभाव के इंटरनेट सभी लोगों को उपलब्ध कराए जाने के लिए वह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि नेट निरपेक्षता से संबंधित सभी चिंताओं का समाधान करते समय इससे मूलभूत सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।

दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार देश के सभी नागरिकों को निष्पक्ष रूप से इंटरनेट की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है और नेट निरपेक्षता से संबंधित वर्तमान चर्चा को इससे संबंधित मुद्दों का सौहार्दपूर्ण और संवैधानिक तथा आर्थिक सिद्धांतों के अनुरूप समाधान करने के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार इस विचार से सहमत है कि इंटरनेट पर विधिसम्मत विषय सामग्री को रोकने और मनमाने ढंग से इसकी गति को कम करने या बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को इंटरनेट पर सभी विधि सम्मत विषय सामग्री पर निर्बाध पहुंच मिलनी चाहिए।
माननीय दूरसंचार और आईटी मंत्रीजी, बतायें कि विधिसम्मत क्याहै और विधिसम्मत क्या नहीं है।इसका खुलासा भी करें।

तो हिंदू साम्राज्यवाद धर्म के खिलाफ भी बोलता है।
भारतीय बजरंगी ब्रिगेड को खदेड़ने के बाद नेपाल ने राहत कार्य अपने हाथ में लिये, मृतक संख्या 7611 हुई

गौरतलब है कि भूकंप प्रभावित नेपाल को कल फिर से रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता वाले भूकंप ने हिला दिया। वहीं 25 अप्रैल को आए घातक भूकंप में मरने वालों की संख्या 7,500 के पार हो गई है। राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख लोक बिजया अधिकारी ने बताया कि भूकंप का हल्का झटका सुबह छह बजकर 39 मिनट पर आया था और इसका केंद्र धाडिंग और नुवाकोट जिलों की सीमा पर था।

सेंसर बोर्ड पूर्वाग्रह से ग्रसित: सनी लियोनी

सनी लियोनी
सनी मैनफोर्स जलवे में लहलहाने लगी हैं संसदीय सहमतिकी जनसंहारी संस्कृति इनदिनों

मैनफोर्स लेकिन हर किसी के पास होता नहीं है

लोकसभा में बुधवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित होने की उम्‍मीद है। गौर हो कि जीएसटी विधेयक को मंगलवार को चर्चा के लिए लोकसभा में लिया गया और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी दलों से दलगत भावना से उपर उठकर इसका समर्थन करने की अपील की। हालांकि राज्यसभा में इसके भविष्य को लेकर अभी अनिश्चितता बरकरार है।

खबरदार।
सिंहद्वार पर कयामत दे रही है दस्तक।
खबरदार।

पिछले हफ्ते लोकसभा में पारित वित्त विधेयक, 2015 में इनकम टैक्स कानून के तहत इनकम का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव है। विधेयक में संशोधन कर इसके लिए एक अलग उपबंध शामिल किया गया है, जिसके अनुसार केंद्र, राज्य सरकार या किसी अथॉरिटी की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी, अनुदान, नकद प्रोत्साहन और री-इम्बर्समेंट आदि को इनकम में जोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि ग्राहकों को साल में 12 रसोई गैस सिलिंडर खरीदने के लिए लगभग 200 रुपये प्रति सिलिंडर की सब्सिडी मिलती है। यह सब्सिडी बाजार मूल्य और 414 रुपये के सब्सिडीयुक्त एलपीजी सिलिंडर के दाम में अंतर के बराबर होती है।

हालांकि वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि लोगों को उनके बैंक खातों में मिलने वाली रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) सबसिडी पर आयकर से छूट होगी।
कर विशेषज्ञों की ओर से वित्त विधेयक, 2015 में संशोधन पर कुछ आशंका जताए जाने के मद्देनजर यह स्पष्टीकरण दिया गया। इस में कर योग्य आय की परिभाषा का विस्तार करते हुए इसमें सबसिडी, अनुदान, नकद प्रोत्साहन व ड्यूटी ड्राबैक को शामिल किया गया है।

मंत्रालय ने बयान में कहा कि वित्त विधेयक, 2015 के प्रावधानों से एलपीजी और लोगों को मिलने वाले अन्य कल्याणकारी सबसिडी लाभ प्रभावित नहीं होंगे।
बयान में कहा गया है कि आमदनी की गणना व खुलासा मानदंड (आइसीडीएस) उन लोगों पर लागू होंगे जिनकी कर योग्य आय ‘कारोबार या पेशे के लाभ व प्राप्ति के तहत या अन्य स्रोतों से आती है और लेखे की मर्केंटाइल प्रणाली को अपनाया जाता है।

जाहिर है कि यह सफाई मीडिया में खबर लीक हो जाने के बाद डैमेज कंट्रोल की रस्म अदायगी है और यह कोई गारंटी नहीं है कि सरकार के सुधार अश्वमेध में आपकी जेबें बख्श दी जायें।

वैसे भी जेबकतरों में यह रिवाज नही है कि जेबकटी से पहले जिसकी जेबें साफ करनी है,उसे पूर्व कोई चेतावनी दी जाये।

खबरदार।
सिंहद्वार पर कयामत दे रही है दस्तक।
खबरदार।

मोदी सरकार अपनी सेक्युलर इमेज को दुरुस्त करना चाहती है। इसके लिए उसने मुस्लिम और ईसाई समुदाय के नैशनल आइकन की लिस्ट तैयार की है, जिनके सामाजिक योगदान को याद किया जाएगा। सरकार की योजना अल्पसंख्यकों से जुड़ी स्कीमों को इन शख्सियतों के नाम पर रखने की है। इनमें आजादी की लड़ाई और मुगलकाल से जुड़े कुछ अहम नाम शामिल हैं।
खबरदार।
सिंहद्वार पर कयामत दे रही है दस्तक।
खबरदार।


Streamed live on 4 May 2015
The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the ‘International Buddha Poornima Diwas Celebrations 2015’, in New Delhi on May 04, 2015. The Minister of State for Culture (Independent Charge), Tourism (Independent Charge) and Civil Aviation, Dr. Mahesh Sharma is also seen.
<iframe width="420" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/5UUsR6s-Wa8" frameborder="0" allowfullscreen></iframe>


The Economic Times
Shares of Mandhana Industries and Eros International plunged to day's low as Bombay Sessions Court sentenced actor Salman Khan in 12-year old hit-and-run case. http://ow.ly/MzRaU
Mandhana Industries plunged as much as 4.38 per cent while Eros International was down as much as...
ECONOMICTIMES.INDIATIMES.COM

The star was tried afresh under harsher charge of culpable homicide not amounting to murder, punishable with imprisonment of up to 10 years.
ECONOMICTIMES.INDIATIMES.COM

" dhora pore jay dehotai shudhu, dhora poRbena mon..."
Arrested Maoist leader Roopesh's daughter Aami insisted that the case registered against her parents was based on fake charges.
ENGLISH.MANORAMAONLINE.COM



कल हमने लिखा था,अंबेडकर के बाद हिंदू साम्राज्यावदी एजंडा में गौतम बुद्ध को समाहित करने की बारी है और आज इकोनामिक टाइम्स की खबर हैः

'बुद्ध डिप्लोमेसी' से एशिया में पावरफुल बनेगा भारत


Addressing the Lok Sabha, FM Arun Jaitley said today, "The whole country will become a seamless market. Goods will move seamlessly between states." "The entire GST process has taken over 12 years. GST will bring in uniformity in taxation across the country," Jaitley stressed.http://ow.ly/MA0XP
Finance Minister Arun Jaitley on Wednesday said, "GST has the potential to boost India's GDP. GST will check double taxation of goods."
ECONOMICTIMES.INDIATIMES.COM


पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर आयोजित समारोह में हिस्सा लिया और प्रार्थना की। बौद्ध गतिविधियों पर मोदी सरकार का बढ़ता फोकस उसकी फॉरन पॉलिसी का हिस्सा है। बौद्ध धर्म के डोज के जरिये सरकार अपनी 'लुक ईस्ट, ऐक्ट ईस्ट' पॉलिसी को सहारा देकर इसे दक्षिण पूर्व एशिया के लिए सांस्कृतिक पुल की तरह पेश करना चाहती है। मोदी ने खुद सोमवार को अपने भाषण में इसके पर्याप्त संकेत दिए। उन्होंने कहा कि यह कहा जा रहा है कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी। इसमें कोई दो राय नहीं है।' इसके बाद उन्होंने कहा कि बुद्ध के बिना यह सदी एशिया की सदी नहीं हो सकती।

भारत सरकार बौद्ध धर्म को भारत की कूटनीति के केंद्र में रखकर इस रीजन में काम करना चाहती है। सरकार के टॉप सूत्रों ने बताया कि मोदी राजनीतिक और आर्थिक कूटनीति में 'बुद्ध पुल' का इस्तेमाल करते हुए भारत को 'सॉफ्ट पावर' की तरह पेश करना चाहते हैं। इससे चीन से भी मुकाबला करने में मदद मिलेगी, जो म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया और श्रीलंका जैसे देशों में मठों के निर्माण और संरक्षण के जरिये बौद्ध धर्म को बढ़ावा दे रहा है।

बुद्घ पूर्णिमा दिवस के मुख्य आयोजकों में से एक और बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शेषाद्रि चारी ने बताया, 'भारत बौद्ध धर्म का स्वाभाविक ठिकाना है। हमें बुद्ध के इस कनेक्शन का इस्तेमाल कर फायदा उठाना चाहिए।' उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि बौद्ध डिप्लोमेसी को लेकर मोदी सरकार की बड़ी योजनाएं हैं।

चारी ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, 'इससे भारत को दोहरा फायदा होगा। इस रीजन में कूटनीतिक फायदे अलावा इससे पर्यटकों को भी आकर्षित करने में मदद मिलेगी। यहां तक दुनिया के बड़े नेताओं को बोधगया और सारनाथ जैसे बौद्ध धर्म के केंद्रों पर लाया जा सकता है।' इस मौके पर मोदी ने भी कहा, 'मेरे सभी विदेशी दौरों में एक दिन हमेशा बौद्ध मंदिर के दर्शन के लिए तय रहता है।' पिछले साल सितंबर में जापान यात्रा के दौरान उन्होंने बौद्ध धर्म से जुड़े मशहूर तोजी और किनुकाकुजी मंदिरों में प्रार्थना की थी। पिछले साल मार्च में श्रीलंका यात्रा के दौरान मोदी ने कोलंबो के महाबोधि मंदिर में बौद्ध संन्यासियों को संबोधित किया था और अनुराधापुरा में महाबोधि वृक्ष के नीचे प्रार्थना की थी। प्रधानमंत्री के 14 मई से शुरू हो रहे मंगोलिया, चीन और साउथ कोरिया दौरे में भी बौद्ध डिप्लोमेसी नजर आएगी।


हम नहीं जानते कि आप हमारा लिखा पढ़ते हैं या नहीं।
हम यह नहीं जानते कि आप तक हमारा लिखा पहुंचता है या नहीं।

हमारे परम मित्र सहकर्मी गुरुजी ने इन दिनों गुगल ब्राउज करना सीख लिया है और उसीसे कसरतें करते रहते हैं।

आदरणीय डाक्टर मांधाता सिंह ने उनका जीमेल और गुगल प्लस एकाउंट भी खुलवा दिया है।

मित्र मंडली में उनने गुरुजी के नेटवर्क से मुझे भी जोड़ दिया है और रोज वे रोते रहते हैं कि मैं इतना क्यों लिखता हूं।वाजिब सवाल है।

कल वर्धा हिंदी विश्वविद्यालय के जुझारु छात्र नेता फिल्मकार कुमार गौरव ने मुझसे अपनी अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के लिए सुझाव मांगे तो उसके वेब साइट पर जाकर मैं विमर्श धुंआधार के बीच चकाचौंध हो गया।हमारी समझ में नही आ रहा है कि यह विश्वविद्यालय की अकादमिक पत्रिका है या और कुछ।

बेशक बहुत उम्दा और अंतरराष्ट्रीय है कुमार गौरव का यह प्रयास।लेकिन शायद उनके किसी काम न आ सकूं मैं क्योंकि विमर्श की अकादमिक भाषा में मैं सिरे से अजनबी हूं और न कोई विमर्श हमारे सरदर्द का सबब है।

लोगों की छपास का इलाज भी मेरे पास नहीं है।

हम जनसुनवाई का जो मंच बनाना चाहते हैं,उसमें भागेदारी का इरादा किसी का हो तो हम उन्हें यकीनन बता सकते हैं कि हमने अपने अनुभवों और संघर्षों से क्या सीखा है।

इसपर कुमार गौरव ने फौरन साफ किया हैः
यह केवल अकादमिक है नहीं है सर यह ऐसा मंच है जहाँ जनता की बात जनता के बिच सृजन के माध्यम से पहुंचाने का प्रयास है जहाँ विभिन्न मुद्दों को पढ़े जाने और बहस करें
मेरा आग्रहःI want a clarification from you and get an explaination which I may publish and share which would make you our field marshall

पहाड़ों से भी अजीबोगरीब सवाल दागे जाते है।जब हम हिमालय और हिमालयी जनता की बातें करते हैं और राजनीति और अस्मिता को खारिज करके इंसानियत और कायनात को बचाने के लिए कयामतों के खिलाफ मोर्चाबंदी की बात करते हैं तो टिप्पणी होती है कि यह कौन पार्टी है भाई।

जब हम वैकल्पिक मीडिया की गुहार लगाते हैं तो विद्वतजन कहते हैंःस्वयंभू।
अंग्रेजी में लिखता हूं तो कोई विद्वान सलाह देते हैं कि अंग्रेजी पहले सीख लीजिये।

यह सच है दोस्तों,हमने अंग्रेजी और दूसरी भाषाएं बसंतीपुर में अपने गाय बैल भैंसों से सीखी है।क्योंकि कोई दूसरा सिखाने वाला नहीं था।

पहली बात तो यह कि किसी महान विमर्श में मैं हरगिज नहीं शामिल हूं और न शोध पत्र मैं लिखता हूं।मेरा लिखा न सेमिनार के लिए है और न प्रकाशन के लिए है।

जब आप बातचीत करते हैं तो क्या कहे हुए को रिबाइंड करके एडिट करके फिर विशुद्ध उच्चारण के साथ दोहराते तो नहीं है।

हम सूचना वंचित अपनी जनता को सूचनाएं देने वाले हरकरा हैं।फौरी मुद्दों पर फौरी लेखन।परचा या पंफलेट जैसा है हमारा लिखा।पढ़िये,हाथोंहाथ बांट दीजिये।

पसंद न आये तो फेंक दीजिये।
यह सहेजने की चीज नहीं है।
मैं खुद नहीं सहेजता।

दरअसल सच यह है कि हमें भाषा,वर्तनी,व्याकरण और सौंदर्यशास्त्र की कोई ज्यादा परवाह नहीं है और न भाषाओं या फिर इंसानियत की दीवारों से हमें कोई मतलब है और हम उन्हें गिराने की हरसंभव कोशिश करते हैं।

इस लिहाज से हम बेतहजीब बददतमीज हैं बेअदब हैं।
हमें याद करने या याद रखने की भी जरुरत नहीं है।

हम तो जन्मजात अछूत है।
पत्रकारिता में माननीय प्रभाष जोशी से लेकर माननीय ओम थानवी तक ने बियोंड डाउट इसे साबित किया है कि किसी लायक हम हैं ही नहीं।

सुमंतो भट्टाचार्य के शब्दों में कहें तो हम डफर हैं।

सत्ता वर्ग से जिनका रिश्ता है,जो इस स्थाई बंदोबस्त को बनाये रखना चाहते हैं,बेहतर हो कि वे हमें पढ़ने की तकलीफ ही न करें क्योंकि हम उनके मतलब का कुछ लिखते नहीं है।

कभी नहीं लिखा है और न लिखेंगे और न हमें उनके इतिहास भूगोल में दर्ज होना है।

हम बेनागरिक शरणार्थी हैं।

बंगाल में पच्चीस साल बिता देने के बावजूद जनमजात बंगाली होने के बावजूद मुझे बंगाली कोई नहीं मानता।

तो हिमालय की गोद में पले बढ़े होने के बावजूद,शिराओं और धमनियों में मुकम्मल हिमालय होने के बावजूद मुझे कोई पहाड़ी मानने को तैयार है।

अमेरिका से सावधान पर लिखते हुए महाश्वेता देवी ने जो मुझे कुमायूंनी बंगाली कहा,शायद वही मुझे मिली एकमात्र मान्यता है।
  1. साम्राज्यवादी खतरों से लड़ता लेखक - होम

  2. www.livehindustan.com/news/1/.../article1-story-1-0-38276.html
  3. दो दशक पहले धनबाद के जो दो लोग मेरे निकट संपर्क में आए थे, वे हैं - एके राय और पलाश विश्वास। माक्र्सवादी चिंतक एके राय सांसद भी रहे और अपने इलाके में वामपंथी आंदोलन को दिशा देने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तो पलाश गद्य लेखक हैं ...


इस बंगाल में मेरा कोई नहीं है।
उस हिमालय में मेरा कौन है,मुझे यह भी मालूम नहीं।

बसंतीपुर में जिन झपड़ियों में मेरे पिता,ताउ और चाचा का साझा परिवार का बसेरा है,उसकी जमीन मैंने बंटने नहीं दी ,यह मेरा सबसे बड़ा अपराध है शायद। क्योंकि अब मेरा कहीं कोई घर नहीं है।

वह बसंतीपुर जो मेरा है,सिर्फ मेरा है और बसंतीपुर वालों के लिए भी वह बसंतीपुर है नहीं,जो मेरा बसंतीपुर है।पुलिनबाबू और उनके साथियों के बिना वह बसंतीपुर बेमतलब है।हमारे साथ वे तमाम लोग आजू बाजू खड़े हैं जिन्हें बसंतीपुर वाले भी अब कभी महसूस नहीं करते।
भद्रलोक बंगाल से मेरी वापसी तय है जैसे हमारे पुरखों का पुनर्वास हुआ बंगाल के इतिहास और भूगोल से बाहर शरणार्थी उपनिवेश में।

वही उपनिवेश मेरा शरणस्थल बन सकेगा या नहीं,अभी हम कह नहीं सकते।

दिनेशपुर के जिला परिषद के जिस हाईस्कूल में हमारी पढ़ाई हुई,वहां तमाम विषयों के शिक्षकों के पद खाली होते थे और बाकी बचे खुचे टीचर ट्यूशन नहीं पढ़ाते थे।

उस शरणार्थी इलाके में ट्यूशन तो क्या इकन्नी महीने फीस देने लायक हैसियत भी हमारे लोगों के पास नहीं थी।न लोग पढ़े लिखे थे।

मेरे पिता पुलिन बाबू कक्षा दो पास थे।
मेरी मां तीसरी तक पढ़ी थी।
ताई छठीं तक।
चाची भी शायद तीसरी चौथी तक।
दादी एकदम अपढ़।
इनमें से किसी को फुरसत न थी कि हमारे होमवर्क साधे।

ताउजी संगीतकार थे।संगीत प्रेमी इसलिए सारा घर।
घर में संगीत शिक्षक जरुर रखा गया लेकिन हमसे सुर सधा नहीं।

चाचाजी उस वक्त पूरी तराई में साइकिल पर मरीज देखने दिन रात दौड़ा करते थे।
पिताजी अपढ़ हते हुए भी तमाम भाषाें जानते थे और उन भाषाओं के अखबारों और साहित्य का जखीरा था हमारा घर।

चाचाजी को विश्व साहित्य का चस्का लगा था और उनकी दृष्टि वैज्ञानिक थी।वे कुछ भी कर सकते थे और उनके हम काम में मैं उनका शागिर्द।

अब भैंस की पीठ पर जो भाषाएं हमने सीखीं,कालेज विश्वविद्यालय लांघने के बावजूद उसमें अगर गोबर माटी की बदबू आती है,तो हम बूढ़ापे में उसे गंगाजल से पवित्र और विशुद्ध नहीं बना सकते।

हाल में हमने फिर एक दफा गंगा जमुना फिल्म फुरसत में देख ली।
गंगा जमुना का संवाद जिनने लिखा,संजोग से उनने ही मदर इंडिया औरमुगले आजम के संवाद भी लिखे।
संजोग से तीनों फिल्में भारतीय सिनेमा की अनिवार्य पाठ्य पुस्तकें हैं।

पण दुनियाभर की फिल्मों में मशहूर कैरेबियन पाइरेट्स से लेकर अपने यहां बनी शोले तक देख लीजिये कि गंगा जमुना का डकैत जो दिलीपकुमार बनबे करै हैं और उनकी जो धन्नों वैजंतीमाला कयामते हैं,ऐसा ठेठ देहात के गोबर माटी सने डकैती न मिलबै करै है।

एंग्री यंगमैन तो दिलीपकुमारो था।
आजाद में भी वह डकैत ही था।लेकिन परदे पर वे चीखे नहीं,उनकी मौजूदगी में हालाकिं परदा चीखै हैं,दर्शकों के दिलोदिमाग चीखै है।

सत्तर के दशक की समांतर फिल्मों के सामाजिक यथार्थ और मुक्तिकामी जनता के जीवन संघर्ष के दौर को खत्म करने के लिए चीखू सुल्तान एक एंग्री यंगमैन का अवतार हुई गयो,जिनकी देह में कविता भले ही बसती हो,देहात का गोबर माटी हुआ करै हैं,ऐसा कोई दुश्मन भी कह न सकै है।

वही शताब्दियों का सर्वकालीन अभिनेता है और बाजार का सर्वकालीन आइकन भी वहींच।

जइसन तेंदुलकरवा।

उकर करिश्मा ऐसा कि समांतर फिल्मों के साथ साथ गांव देहात के किस्से और सामाजिक यथार्थ और देहात के मुहावरों से लिपटी भारतीय फिल्में अब सिर्फ गोल्डन एरा है।

हमरा कसूर ई है मालिक कि दुनिया ससुरी मुक्त बाजार भयो अउर हमउ अभी दिलीपोकुमार बैजंती के फैन बानी।

त गंवार की भाखा जइसन होई सकत है,वइसन है हमरी।
जैसा लिखा,मतलब समझ लीजै,शायद आपके मतलब का हो।
Dev Prayaag. ...the Night Mode...
Pristine flows the Ganges..! (Gangaa)
Kamal Joshi's photo.



हमसे गिरदा मूसलाधार बारिश या हिमपात के मध्य मालरोड पर ताल किनारे आधी आधी रात कहा करते थे कि अगर अपनी जनता,अपने समय के लिए कुछ करना चाहते हो तो सबसे पहले अपने को खत्म करना सीखो।अपनी पहचान बनाने ,अपने को कालजयी बनाने की कवायद में फंसना नहीं।

हमारे गुरुजी ताराचंद्र त्रिपाठी ने अपनी जनता के लिए सत्ता से सत्ता की भाषा में जनता के मुद्दों पर टकराने के वास्ते अंग्रेजी माध्यम और अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए हमें घेरे रहे और उनकी घेरेबंदी में संजोग से ऐसा लिखते वक्त भी हूं कि हमेशा डर लगा रहता है कि कब फोने पर कान खेंच लेंगे।

पिछले जाडो़ं में गिरदा के रचनाकर्म के प्रकाशन की बात उठायी राजीव दाज्यू के सामने हमने तो उनने साफ साफ कहा कि गिरदा ने लिखा ही कहा है। वह तो परचा और चिरकुट पर लिखने वाला ठैरा।वो तो शेखर ने उनके लिखे को सहेज कर कुछ छाप दिया,बाकी तो उसने जनता से जो लिया जनता को लौटा दिया।

करीब चार दशक पत्रकारिता में बिताने के बाद,देशभर में नब्वे के दशक तक लघु पत्रिकाओं में नियमित छपते रहने के बाद,अंग्रेजी में दुनियाभर के अखबारों में छपते रहने के बाद,दो कहानी संग्रह और बजट पर एक किताब के प्रकाशन के बाद हम चिरकुट या परचा के मालिक बतौर अपना दावा ठोंक नहीं हो सकते।

उस मलबे के  मालिक तो अपने गिरदा ही हैं।

अब हम जब इस चलाचली के बेला में लिख रहे हैं,जब प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में हमारे लिए कोई स्पेस नहीं है और कला विधाओं से हमारा कोई संबंध नहीं है।

विधिसम्मत नेट निपेक्षता के दौर में जैसे हमारे ब्लाग गायब होते रहते हैं,वैसे ही हम भी किसी दिन सिरे से डिलीट होने वाले हैं।

यह समूची कायनात तुम्हारे हवाले दोस्तों।

इस कायनात की सेहत के वास्ते हमें असंख्य गिरदा चाहिए।जो परचा और चिरकुट लिखकर हाथों हाथ हिमालय के उत्तुंग सिखरों से लेकर समुंदर की हर लहर तक को खबरदार कर दें आने वाली कयामतों के खिलाफ,जो मोर्चाबंद कर सकें जुल्मोसितम की नस्ली जनसंहारी आदमखोर हुकूमत के खिलाफ समूची इंसानियत को।

गुरुजी से रोज हमारा झगड़ा होता है कि वे खुद क्यों नहीं लिखते।वे लिखना शुरु करें तो हम कम लिखना शुरु कर देंगे।हमें तो उनके हिस्से का लेखन भी करना होता है।

आप जबतक खुदै नहीं लिखते तो तब तक हमें तो आपको झेलना ही पड़ेगा।
आप हमारे साथ हों या न हों,आपके पक्ष में आपके मोर्चे से तोपें तो हम दागेंगे ही।

हमारे गुरु जी कुंवारे हैं और दुनियाभर की अभिनेत्रियों ,माडलों और सुपर माडलों से उनके मधुर संबंध हैं।उनमें से हर किसी के साथ उनके फोटू है।फोटू तो बाकी आइकनों के साथ भी हैं लेकिन अभिनेत्रियों के साथ फोटू खासमखास हैं,जिसका अलबम वे अमूमन साथ रखते हैं और उसीमें हम उनका दांपत्य खोजते रहे हैं।

हाल में सनी लियोनी से उनका आमना सामना हुआ और शायद संवाद भी हुआ।लौटकर बोले कि कितना भयानक सुंदर है।देखकर माथा खराब हो गया।उनका माथा इतना खराब रहा कि तसे लेकर हमारे यहां लीला की ही चर्चा है।

अभी हाल में फिर सनी लियोनी कोलकाता आयीं।खास मुहिम पर।कंडोम का कैसे इस्तेमाल किया जाये,यह सिखाने।

जाहिर है कि हम सबने गुरुजी को घेर लिया कि वे सनी लियोनी से सबक लेने क्यों मौके पर नहीं पहुंचे।

गुरुजी ने तड़ाक से कहाः मेरे पास मैन फोर्स नहीं है।

गुरुजी बहुत सत्य वचन बोल गये। यह मैन फोर्स किसके पास  है और किनके पास नहीं है,पुरुष वर्चस्ववादी समाज में यह रहस्य अब चरम पर है।कोई जरुरी नहीं कि जिनके छप्पन इंच की छाती हो,उनके पास भी मैन फोर्स हो।

इसमें कोई दिक्कत नहीं है।लेकिन मुश्किल यह है कि तमाम महापुरुषों के पास यह मैन फोर्स नहीं है और अपनी अधूरी दांपत्य का बदला वे दुनियाभर की स्त्रियों से ले रहे हैं।सुहाग रात से पहले पत्नी को छोड़ने वाले  सीता को वनवास पर भेजने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम राम ही इस वर्चस्ववादी नस्ली समाज का सबसे बड़ा मिथक है।

हमारे ज्योतिष बन चुके पूर्व वामपंथी घनिष्ठ मित्र विनय बिहारी सिंह की उपलब्धि है कि उनने ओम थानवी को एक ईमेल किया कि कोलकाता में सबरंग तुरंत बंद कर दिया जाये और यहां भी रविवारीय छापा जाये।

कृपा शंकर चौबे और अरविंद चतुर्वेद के वीआरएस लेने के बाद विनयजी सबरंग निकाल रहे थे और उन्हें यह झमेला रास नहीं आ रहा था।

वे मानते थे कि कंपनी उन्हें नौकरी में लेकर फंस चुकी है और काम करें या न करें,पगार तो मिलेगी ही।

वे अमूमन कहा करते थे कि बूढ़ा तोता राम राम नहीं सीखता।

वे सबरंग के लिए मेहनत नहीं करना चाहते थे।तो ओम थानवी जी ने तुरंत उनका सुझाव मान लिया और बंद हो गया सबरंग।

इसी तरह चूंकि कंपोजिंग करने वाला कोलकाता में कोई बचा नहीं,यहां से वार्षिक अंक भी बंद करवा दिया थानवी ने।

हमने अपने मित्र शैलेंद्र जी के रिटायर होने पर चिंता जतायी तो उनने दो महीने पहले ही उनकी सेवा जारी रखने की घोषणा कर दी और कह दिया कि कोलकाता में किसी का प्रोमोशन करा पाते तो उनको बहुत अच्छा लगता।

वे हमारा प्रोमोशन न करा सकें,हमें इसकी शिकायत नहीं है।

माननीय प्रभाष जोशी और माननीय श्याम आचार्य ने ही जब हम सबको एक्सप्रेस के गोदाम में सहेजने का फैसला कर लिया तो हम थानवी जी की शिकायत नहीं कर सकते।

कल इलाहाबाद से हमारे मित्र शैलेंद्र रिटायर हो गये और दस दिनों की छुट्टी पर चले गये।वापस लौटेंगे तो फिर एक ब्रेक के बाद उनकी सेवा शुरु हो जायेगी।

ओम थानवी ने फिर वायदा निभाया है।ऐसा किसी संपादक ने इससे पहले किया नहीं है,इसके लिए आभार।

अगले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव है।वामदलों की वापसी की कठिन लड़ाई है मोदी दीदी गठबंधन के खिलाफ।कम से कम एक अखबार में तो वाम प्रतिबद्ध संपादक है,जिस अखबार की साख भी है,यह निश्चय ही कामरेड महासचिव सीताराम येचुरी के लिए राहत की बात है और मेरे साथ उन्हें भी थानवी जी को धन्यवाद कहना चाहिए।

इसी बीच, आप पार्टी के नेता कुमार विश्वास से जुडे़ 'अवैध संबंध' विवाद पर कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मीडिया आप पार्टी के नेताओं की पत्नियों एवं बच्चों को निशाना बना रहा है।

आपातकाल के बाद अघोषित सेंसर लागू

इसी बीचदिल्ली में आपातकाल के बाद अघोषित सेंसर लागू कर दिया वहा आम आदमी की सत्ता ने।

मीडिया पर ‘आप को खत्म करने के षड़यंत्र’ का हिस्सा होने का आरोप लगाने के बाद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार ने सभी खबरिया चैनलों पर नजर रखने का निर्णय किया है और अपने अधिकारियों से कहा है कि मीडिया की विषय वस्तु की निगरानी करें ।

इस सिलसिले में सूचना व विज्ञापन निदेशालय (डीआइपी) को सुबह नौ बजे से रात 11 बजे तक खबरिया चैनलों की निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए हैं। दिल्ली सरकार पहली बार ऐसा कर रही है। डीआइपी के अधिकारी अभी तक सरकार से संबंधित खबरों की कतरन को अखबारों से काटकर रिकॉर्ड में रखते थे। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘डीआइपी अधिकारियों से कहा गया है कि खबरिया चैनलों पर सरकार से संबंधित खबरों की निगरानी रखें और इन विषयवस्तु की रोजना रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए।’

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने हाल में एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा था,‘मीडिया के एक बड़े धड़े ने आप को खत्म करने की ‘सुपारी’ ले रखी है। जन सुनवाई हो सकती है। दिल्ली में आठ से 10 जगह ऐसी हो सकती हैं जहां हम लोगों के एक समूह को इकट्ठा कर सकते हैं और भ्रामक क्लिप दिखा सकते हैं। इस तरह से हम ‘जनता की सुनवाई’ शुरू कर सकते हैं।’

सूत्रों ने बताया, ‘डीआइपी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सुबह नौ बजे से रात 11 बजे तक खबरिया चैनलों की विषय वस्तु की निगरानी करें। अधिकारियों से कहा गया है कि इस काम को कम से कम एक महीने तक करें और उसके बाद सरकार निविदा जारी कर सभी खबरिया चैनलों पर नजर रखने के लिए विशिष्ट कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार बहुमत मिलने के बाद मीडिया का एक धड़ा आप को ‘बदनाम’ करने के लिए लगातार अभियान चला रहा है और आप, सरकार से जुड़े मुद्दों को छोड़कर दूसरे मुद्दों पर चुप्पी बनाए हुए हैं।

बहरहाल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक कार्यक्रम में कहा कि पूरे मीडिया को ‘विपश्यना’

करने की जरूरत है। उनसे दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) के पूर्व सदस्य सचिव आशीष जोशी की टिप्पणी के बारे में पूछा गया था जिसमें जोशी ने कहा था कि ‘दिल्ली सरकार में हर किसी को ‘विपश्यना’ और ‘अनापना’ प्रशिक्षण लेने की तुरंत जरूरत है।’

केजरीवाल ने मीडिया के एक धड़े पर आप नेताओं के बच्चों और पत्नियों को निशाना बनाने के आरोप लगाए। केजरीवाल की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास पर अपने साथ अवैध संबंधों की ‘अफवाह’ का खंडन नहीं करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने विश्वास और उनकी पत्नी को समन जारी किया।

उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ महीने से कुछ मीडिया घराने हमारी पार्टी की छवि को दिन-रात खराब कर रहे हैं। मैं काफी आहत हूं। इसलिए हमने चुप रहने का निर्णय किया है। हम केवल सरकार और अपने काम पर सवालों का जवाब देंगे। दूसरे सवालों के जवाब नहीं देंगे।’

उन्होंने पार्टी नेताओं के परिजनों को सार्वजनिक जीवन में कथित तौर पर ‘खींचे’ जाने पर भी नाखुशी जताई। उन्होंने पूछा, ‘क्या यही पत्रकारिता है?’ उन्होंने कहा, ‘आपकी लड़ाई हमसे है। कृपया हमारी पत्नियों व बच्चों को बख्श दीजिए। हम कब तक जवाब देते रहेंगे।’

केजरीवाल ने विश्वास का भी बचाव करने का प्रयास करते हुए कहा, ‘हर कोई कह रहा है कि अवैध संबंध नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘दोनों (विश्वास और महिला) कह रहे हैं कि अवैध संबंध नहीं है लेकिन चैनल अब भी इस तरह की चीजें चला रहे हैं। कुमार की बेटी भी स्कूल नहीं जा पा रही है क्योंकि वह वहां सवालों का सामना नहीं कर पा रही है। पूरा परिवार अवसाद में है।’

नजर के सामने
डीआइपी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सुबह नौ बजे से रात 11 बजे तक खबरिया चैनलों की विषय वस्तु की निगरानी करें। अधिकारियों से कहा गया है कि इस काम को कम से कम एक महीने तक करें और उसके बाद सरकार निविदा जारी कर सभी खबरिया चैनलों पर नजर रखने के लिए विशिष्ट कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी।

एएनआई के मुताबिक विवाद पर प्रतिक्रिया देने से इंकार करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'अब हमने खामोश रहने का फैसला किया है। हम सरकार के कामकाज से जुड़े सवालों का जवाब देंगे, इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।'
हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, 'खबरें चलाई जा रही हैं कि कुमार विश्वास का किसी के साथ अवैध संबंध थे। कुमार विश्वास इस बात से इंकार कर रहे हैं। यहां तक कि वह लड़की भी अवैध संबंध की बात से इंकार कर रही है।' केजरीवाल ने कहा, 'कुमार का पूरा परिवार अवसाद में है। इस बारे में विश्वास के पुत्र से स्कूल में सवाल पूछे जा रहे हैं।'
इससे पहले, दिल्ली महिला आयोग में विश्वास के मुद्दे पर दो फाड़ देखने को मिला। दिल्ली महिला आयोग की आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंगामा हो गया। आयोग की एक सदस्या कुमार विश्वास का समर्थन करती दिखीं। आयोग की सदस्या जूही खान ने विश्वास का समर्थन करते हुए उनके खिलाफ इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। इस पर बरखा सिंह ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी की सदस्य हैं इसलिए कुमार विश्वास का पक्ष ले रही है। इस बीच जूही खान कहा कि वह आयोग से इस्तीफा देंगी। वह प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में ही छोड़कर चलीं गईं।

Arvind Kejriwal
5 hrs ·
दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत देकर जिताया लेकिन जब से जीते हैं तब से मीडिया का एक तबका आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार को बदनाम और बर्बाद करने के लिए 24 घंटे लगा हैI अभी तक हमलोग अपनी सफाई देते रहे I
पर मीडिया ने कुमार विश्वास के साथ जो कुछ किया वो बहुत ही घिनौना हैI कुमार पर आरोप लगाया जा रहा है कि उनके अवैध संबंध हैंI कुमार का खुद का कहना है कि उनका किसी के साथ कोई अवैध संबंध नहीं है, उस लड़की का भी कहना है कि कुमार के साथ कोई संबंध नहीं है। लेकिन फिर भी कुछ टीवी चैनल चला रहे हैं कि “अवैध संबंधों के घेरे में कुमार विश्वास” या “विश्वास लीला” इत्यादि।
जाहिर है कि ये सब झूठी और मनगढ़ंत कहानियां हैंI कुमार का पूरा परिवार डिप्रेशन में हैI कुछ टीवी चैनलों ने तो कुमार की पत्नी पर भी छींटाकशी की I
आज कुमार की बेटी जब स्कूल गई तो उसके दोस्तों ने दस तरह के प्रश्न कियेI क्या यही पत्रकारिता है? क्या यही राजनीति है?
राजनीतिक पार्टियों और मीडिया चैनलों की हम से दुश्मनी है, आप हमसे लड़ियेI पर लडाई के भी कुछ नियम होते हैंI कम से कम हमारे परिवारों को तो बक्श दीजियेI अभी तक हम लोग हर बात की सफाई देते रहे, पर कुमार के प्रकरण ने हम सब लोगों को इतना आहत किया है कि हमारी पार्टी ने यह तय किया है कि अब हमें कुछ समय के लिए बिलकुल चुप हो जाना चाहिएI
जिन मीडिया वालों को हमें बदनाम करना है वे एकतरफा मनगढ़ंत कहानियां चलाते रहेंI अगर हमारी सरकार से संबंधित अथवा हमारे काम से संबंधित कोई प्रश्न है तो हम उसका जवाब देने के लिए तैयार रहेंगे अन्यथा हम चुप रहेंगेI
'दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत देकर जिताया लेकिन जब से जीते हैं तब से मीडिया का एक तबका आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार को बदनाम और बर्बाद करने के लिए 24 घंटे लगा हैI अभी तक हमलोग अपनी सफाई देते रहे I

पर मीडिया ने कुमार विश्वास के साथ जो कुछ किया वो बहुत ही घिनौना हैI कुमार पर आरोप लगाया जा रहा है कि उनके अवैध संबंध हैंI कुमार का खुद का कहना है कि उनका किसी के साथ कोई अवैध संबंध नहीं है, उस लड़की का भी कहना है कि कुमार के साथ कोई संबंध नहीं है। लेकिन फिर भी कुछ टीवी चैनल चला रहे हैं कि “अवैध संबंधों के घेरे में कुमार विश्वास” या “विश्वास लीला” इत्यादि। 

जाहिर है कि ये सब झूठी और मनगढ़ंत कहानियां हैंI कुमार का पूरा परिवार डिप्रेशन में हैI कुछ टीवी चैनलों ने तो कुमार की पत्नी पर भी छींटाकशी की I 

आज कुमार की बेटी जब स्कूल गई तो उसके दोस्तों ने दस तरह के प्रश्न कियेI क्या यही पत्रकारिता है? क्या यही राजनीति है?

राजनीतिक पार्टियों और मीडिया चैनलों की हम से दुश्मनी है, आप हमसे लड़ियेI पर लडाई के भी कुछ नियम होते हैंI कम से कम हमारे परिवारों को तो बक्श दीजियेI अभी तक हम लोग हर बात की सफाई देते रहे, पर कुमार के प्रकरण ने हम सब लोगों को इतना आहत किया है कि हमारी पार्टी ने यह तय किया है कि अब हमें कुछ समय के लिए बिलकुल चुप हो जाना चाहिएI 

जिन मीडिया वालों को हमें बदनाम करना है वे एकतरफा मनगढ़ंत कहानियां चलाते रहेंI अगर हमारी सरकार से संबंधित अथवा हमारे काम से संबंधित कोई प्रश्न है तो हम उसका जवाब देने के लिए तैयार रहेंगे अन्यथा हम चुप रहेंगेI'




यह वैश्विक चरित्र वाले कारपोरेट के बिजनेस मीडिया हाउस हैं, जो ख़बरों का व्यापार करते हैं. http://ow.ly/MyAwr ‪#‎GoHomeIndianMedia‬

बर्बादी के उत्सव में शामिल होना कितना दर्दनाक होता है, यह मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के लिए निमाड़ का समृद्धि उत्सव तो हो सकता है लेकिन उन किसानों के लिए बर्बादी का दंश हैं जिनकी उपजाऊ जमीने इसकी भेंट चढ़ाई जा रही हैं।
कई वर्षों से देश के किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन कृषि प्रधान इस देश में यह एक मुद्दा तब बन पाया जब एक किसान का बेटा लुटियंस की दिल्ली में ठीक हुक्मरानों के सामने खुदकशी कर लेता है। इसके बाद देश भर में भूमि अधि‍ग्रहण कानून और किसान आत्महत्या से...
WWW.HASTAKSHEP.COM

Narendra Modi सरकार के एक साल में सबसे ज्यादा फायदे में गुजरात की कंपनियां रही हैं। इन सबके बारे में और जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें...
इस तरह की काम की खबरें आसान भाषा में पाने के लिए हमारा खास फेसबुक पेजEconomic Times Hindi जरूर लाइक करें
NAVBHARATTIMES.INDIATIMES.COM



इस सब के बीच, आज भाजपा और कांग्रेस दोनों के संसदीय दल की बैठक होने जा रही है जिसमें स्थिति की समीक्षा की जाएगी। संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने पहले ही सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात की है और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि विधेयक पारित कराना सुनिश्चित करने के लिए उनके सांसद पूरे संख्या बल में सदन में मौजूद रहें। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने हालांकि पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि जहां वे जीएसटी व्यवस्था का समर्थन करते हैं, वर्तमान विधेयक की विधायी जांच परख की जरूरत है। उनकी एक तरह से इसे स्थायी समिति को भेजने की मांग है।
वस्तु एवं सेवा कर विधेयक को संसद की स्थायी समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को अध्यक्ष द्वारा खारिज किये जाने के साथ ही आज लोकसभा ने महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार से संबंधित इस बहुप्रतीक्षित संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू की। वित्त मंत्री जेटली ने विपक्षी दलों से दलगत भावना से ऊपर उठकर विधेयक का समर्थन करने की अपील करते हुए कहा कि विधेयक के पारित होने में देरी करने से कोई मकसद हल नहीं होगा क्योंकि इससे राज्यों को ही वित्तीय रूप से नुकसान होगा। विधेयक पर सदन में करीब आधे घंटे तक प्रक्रियात्मक तर्क वितर्क के दौरान विपक्ष ने इस विधेयक को यह कहते हुए वित्त संबंधी स्थायी समिति को भेजे जाने पर जोर दिया कि यह एक नया विधेयक है। कांग्रेस, बीजू जनता दल, अन्नाद्रमुक और माकपा के सदस्यों ने इस विधेयक के साथ ही कई अन्य विधेयकों को संसद की स्थायी समितियों में नहीं भेजने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार संसद की स्थायी समितियों को नजरअंदाज कर रही है।
जेटली ने तर्क दिया कि यदि जीएसटी विधेयक को समिति के पास भेज दिया जाता है तो इससे राज्यों को मिलने वाले वित्तीय लाभों में और एक वित्त वर्ष की देरी हो जाएगी क्योंकि इससे यह विधेयक एक अप्रैल 2016 की समय सीमा तक कानून का रूप नहीं ले पाएगा। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति पहले ही इस पर करीब ढाई साल तक चर्चा कर चुकी है और विधेयक के प्रावधानों पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की उच्च अधिकार संपन्न समिति में कुछ बिंदुओं को छोड़कर व्यापक आम सहमति’ है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों की उच्च अधिकार संपन्न समिति के जरिए केंद्र और राज्यों के बीच एक प्रकार की आम सहमति बनकर सामने आई है।
संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज लोकसभा और राज्यसभा के राजग घटक दलों के सदन में नेताओं की बैठक की और उनसे कल निचले सदन में इस विधेयक को सुगमता से पारित कराने के लिए प्रत्येक सदस्यों की मौजूदगी को सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में सिवसेना, लोजपा, तदेपा, अकाली दल और कुछ अन्य छोटे छोटे दल के नेता मौजूद थे। इनमें एनपीपी, एसडीएफ और आरपीआई :अठावले गुट शामिल है। साथ ही अपना दल और शेतकारी स्वाभीमान पक्ष के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। उधर, कांग्रेस के नेता इस बिल को स्थायी समिति को भेजने पर अड़े हुए हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा इस मांग पर दृढ हैं। उन्होंने कहा कि हम विधेयक के विधायी जांच परख के पक्ष में हैं। शर्मा की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्यसभा में राजग को बहुमत नहीं है।


नेपाल में मोदी सरकार का हिंदुत्ववादी एजेंडे को लागू करने की भारतीय मीडिया की रणनीति भारत के गले की फाँस बन गई है। http://ow.ly/MyDKt‪#‎GoHomeIndianMedia‬
भारतीय मीडिया की दादागीरी - नेपाल में मोदी सरकार का हिंदुत्ववादी एजेंडे को लागू करने की भारतीय मीडिया की रणनीति भारत के गले की फाँस बन गई है। नेपाली मीडिया और नेपाली सोशल मीडिया में भारत सरकार व भारत के मीडिया के मोदियापे और भारतीय मीडिया की दादागीरी के...
HASTAKSHEP.COM


भारतीय कंपनियां नेपाल में नया इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए दिलचस्पी ले रही हैं । बहरहाल, फंड के लिए पैसा जुटाना नेपाल के लिए एक बड़ी चुनौती है। नेपाल में आई भयंकर त्रासदी में 7,000 से भी ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए। भूकम्प ने सड़कों, इमारतों, हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट्स और ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को तहस-नहस कर दिया। तात्कालिक चुनौती जहां मलबे को साफ करना और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है, वहीं अगला कदम पुनर्वास का होगा, जिसमें फिर से इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जाना भी शामिल है।इकोनामिक टाइम्स की यङ खबर हैः

नेपाल के दोनों पड़ोसी देशों भारत और चीन ने इस पुनर्वास के लिए पहल की है। नेपाल के लिए चुनौती इन प्रॉजेक्ट्स के लिए फंड जुटाना और इन्हें बनाने के लिए इंजिनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनियों की तलाश करने की होगी। हैदराबाद के सोमा ग्रुप के वाइस प्रेजिडेंट और नैशनल हाईवेज बिल्डर्स फेडरेशन लॉबी ग्रुप के वाइस प्रेजिडेंट डीवी राजू ने बताया, 'नेपाल में फिर से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए भारतीय कॉन्ट्रैक्टर्स दिलचस्पी ले रहे है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये दोनों मुल्क नेपाल के पुनर्वास में भी मदद की अगुवाई कर सकते हैं।

भूकंप से पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पावर प्लांट्स और रोड के लिए नेपाल को 1 अरब डॉलर का लोन देने का वादा कर चुके हैं। राजू ने बताया कि भूकंप के हालिया अनुभव के बाद नेपाल को नए इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बेहतर प्लानिंग करनी होगी, और इसमें बड़ी और ज्यादा टेक्नॉलजी संपन्न कंपनियों की भागीदारी की जरूरत होगी।

एसजीवीएन, जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर, टाटा पावर, जिंदल पावर ऐंड स्टील जैसी भारत की बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियां नेपाल में हाइड्रोपावर सेक्टर में मौके तलाश रही हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि भूकंप के मद्देनजर नेपाल को इन प्रॉजेक्ट्स को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी।

इसी बीच नभाटा की खबर हैः
नेपाल ने भारत को आपदा राहत कोष के नाम पर पुराने कपड़े भेजने के लिए मना कर दिया है। नेपाल ने कहा है कि पुराने कपड़े और बचा हुआ खाना भेजने की जरूरत नहीं है।

गौरतलब है कि भारत ने नेपाल में आई भयावह त्रासदी के बाद सबसे पहले मदद का हाथ आगे बढ़ाया था। 25 अप्रैल को रिएक्टर पौमाने में 7.9 आंकड़े पर मापे गए भूकंप ने नेपाल में तबाही मचा दी।

इस आपदा में सात हजार से ज्यादा लोग मौत के शिकार हो गए और बड़ी संख्या में लोग अपना घर गवां बैठे। केवल भारत सरकार ने ही नहीं बल्कि कई एनजीओ और बड़े कॅारपोरेट घरानों ने भी नेपाल में भूकंप की मार झेल रहे करीब नौ करोड़ लोगों को मदद मुहैया कराई।

नेपाल द्वारा भारत से भेजी गई मदद को ठुकराए जाने का मामला तब सामने आया, जब मदद सामग्री से भरी रेलगाड़ी बीरगंज पहुंची जो कि बिहार में भारत की सीमा है। नेपाली अफसरों ने कहा कि राहत सामग्री में उन्हें आपत्तिजनक वस्तुएं मिलीं, जब सामग्री को पोर्ट पर उतार के अलग अलग क्षेत्रों के लिए भेजी जा रही थी।

भारतीय अधिकारियों ने कहा कि नेपाल ने न सिर्फ कपड़े और खाना भेजने से मना किया है बल्कि यह भी कहा कि जूठन किसी को नहीं दी जानी चाहिए। हिमालयन टर्मिनल्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ बी. मोहन ने कहा कि हमने सामग्री में से कपड़े हटा दिए हैं और उन्हें पोर्ट पर ही फेंक दिया है।

गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के अलावा भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, फिक्की और देना बैंक समेत कई संस्थाएं नेपाल को मदद भेज रही हैं। भारतीय अधिकारी ने कहा कि आगे से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि राहत सामग्री नेपाल तक सुरक्षित पहुंचाई जा सके।

भारतीय मीडिया कितना ही मोदियापा कर ले लेकिन नेपाल के दूरदराज क्षेत्रों से अब असली खबरें आना शुरू हो गई हैं। नेपाल में ‪#‎GoHomeIndianMediaकैंपेन‬ चलने के बाद अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूँके जाने का क्रम प्रारंभ हो गया है। ‪#‎With‬Nepal
नई दिल्ली। भारतीय मीडिया कितना ही मोदियापा कर ले लेकिन नेपाल के दूरदराज क्षेत्रों से अब असली खबरें आना शुरू हो गई हैं। नेपाल में #GoHomeIndianMediaकैंपेन चलने के बाद अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूँके जाने का क्रम प्रारंभ हो गया है। नेपाली मीडिया में...
WWW.HASTAKSHEP.COM




गौर कीजियेः
लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी की खोज में मिली कामयाबी, दिखी जलधारा
samacharjagat.com | Wednesday, May 6, 2015


लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी की खोज में मिली कामयाबी, दिखी जलधारा
1
यमुनानगर। लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी की खोज में बड़ी कामयाबी दिखी है। जिस क्षेत्र में भूमि का जल स्तर 85 फुट तक गिर गया हो, वहां महज आठ-नौ फुट पर ही जलधारा बह निकली। जरा सी गहराई पर पानी के स्त्रोत का मिलना उस भगीरथ प्रयास का नतीजा है, जिसके तहत लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी को तलाशा जा रहा है। इस अभियान के लिए खट्टर सरकार ने 50 करोड रूपए जारी किए गए थे। कई दिनों से सरस्वती के उद्गम स्थल माने जाने वाले आदिबद्री क्षेत्र में गांव मुगलवाली के पास चल रही खुदाई में मंगलवार शाम 4 बजे अचानक जलधारा फूट पडी।
इसे सरस्वती नदी खोज अभियान की बडी सफलता माना जा रहा है। यह खुदाई हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष कंवरपाल ने 21 अप्रैल को शुरू कराई थी। जलधारा फूटने की सूचना के तुरंत बाद उपायुक्त डॉ. एसएस फुलिया सहित लोगों का हुजूम वहां उमड पडा। इस बीच जगाधरी के एसडीएम प्रेमचंद और डीडीपीओ गगनदीप सिंह ने भी खुदाई की। सरस्वती नदी के बारे में केवल पुराणों में ही जानकारी मिलती है। अब यह भी शोध का विषय बन गया है कि क्या सरस्वती की धारा ऊपर उठ रही है आदिबद्री क्षेत्र सरस्वती का उद्गम स्थल माना जाता है।
वहां से 5 किलोमीटर दूर रूलाहेडी से इस नदी की खुदाई शुरू की गई थी। बताया जाता है कि यहां एक बडा जलाशय बनाया जाएगा और पाहाडों पर होने वाली बरसात और सोम नदी के पानी को इकटा कर सरस्वती नदी को एक बडी नदी के रूप में प्रवाहित किया जाएगा। मंगलवार को अधिकारियों ने यह करिश्मा देखा तो हर कोई नतमस्तक होकर खुदाई में योगदान देने लगा। डीसी डॉ एसएस फुलिया व एसडीएम के साथ डीडीपीओ ने कस्सी से जमीन को खोदना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे खुदाई बढ़ी, पानी की मात्रा बढ़ती चली गई। सरस्वती की इस खोज में मुस्लिम समुदाय का अहम योगदान रहा।
यहां खुदाई मुस्लिम परिवार के हाथों हुई। मेहनत का सकारात्मक नतीजा आते ही मुस्लिम समुदाय के इन लोगों ने बहुत खुशी जताई। अपको बता दें कि यमुनानगर के इस स्थल का जिम्मा डीडीपीओ गगनदीप सिंह के पास था। 88 वर्षीय बुजुर्ग की मेहनत का फल सरस्वती नदी के मिलने पर जो जश्न आज मनाया जा रहा है, असल में वह 88 वर्षीय बुजुर्ग एवं आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता दर्शनलाल जैन की मेहनत का प्रतिफल है। उन्होंने सरस्वती नदी के लिये सार्ल 1999 में सरस्वती निधि शोध संस्थान बनाया और तब से अनवरत संघर्ष कर रहे हैं।

सेंसर बोर्ड पूर्वाग्रह से ग्रसित: सनी लियोनी

कम समय में ही बॉलीवुड में सफलता का स्वाद चखने बाली अदाकारा सनी लियोनी ने सेंसर बोर्ड पर उनकी फिल्मों को लेकर पूर्वाग्रह का आरोप लगाया है.
‘‘कुछ कुछ लोचा है’’ के प्रचार के लिये यहां पहुंची सनी ने कहा ‘‘ मेरी फिल्म होने के कारण इस फिल्म के साथ भेदभाव किया जा रहा है मैं यहां अपने अतीत को दोहराने नहीं आई हूं, यहां लोग मेरी फिल्मों को पसंद कर रहे हैं और सेंसर बोर्ड को मेरी अतीत की जगह मेरे वर्तमान को देखना चाहिए.’’ उन्होंने बताया कि इस फिल्म में कोई एडल्ट कंटेंट नहीं है फिर भी इसे ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया गया है. यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है .
फिल्म में सनी के को-स्टार और जाने माने अभिनेता राम कपूर ने कहा  ‘‘अगर इस फिल्म में एडल्ट कंटेंट होता तो मैं इसमें काम ही नहीं करता. यह पूरी तरह से कॉमेडी फिल्म है जिसे आप पूरे परिवार के साथ देख सकते है. सेंसर बोर्ड के फैसले से हमें काफी निराशा हुई है.’’ उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड के इस तरह के फैसलों के खिलाफ फिल्म जगत को एक जुट हो कर काम कारना पड़ेगा. उन्होंने माना  कि फिल्म के गाने ग्लैमरस है और थोड़े बहुत डबल मीनिंग डॉयलॉग भी हैं लेकिन उसे वल्गर तरीके से पेश नहीं किया गया है बल्कि कॉमिक अंदाज में कहा गया है.
टीवी धारावाहिकों के साथ-साथ फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाने वाले इस अभिनेता ने कहा कि ‘ए’ सर्टिफिकेट मिलने से फिल्म का बिजनेस भी प्रभावित होगा, सिनेमाघरों में लोग कम आएंगे और इस फिल्म को टीवी पर भी नहीं दिखाया जा सकेगा.
देवांग ढोलकिया के निर्देशन में बनी फिल्म ‘‘कुछ कुछ लोचा है’’ में सनी एक बॉलीवुड अभिनेी के किरदार में है जबकि राम कपूर एक गुजराती परिवार के मुखिया बने हैँ जिनकी जिंदगी में सनी के आने के बाद कई हास्यासपद बदलाव आते हैं.

Home » Hindi » कारोबार
सेवा क्षेत्र में अप्रैल में नरमी, दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी: एचएसबीसी

सेवा क्षेत्र में अप्रैल में नरमी, दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी: एचएसबीसी

कोषों एवं फुटकर निवेशकों की ओर से चुनिंदा क्षेत्र के शेयरों की बिकवाली बढ़ाये जाने से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार के शुरुआती कारोबार में 82 अंक कमजोर हो गया। बंबई शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई-30 में कल 50.45 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी, जो आज के शुरुआती कारोबार में 82.54 अंक अथवा 0.30 फीसद घटकर 27,357.60 अंक पर आ गया।
मजबूत वैश्विक रूख के बीच शादी विवाह सीजन के मद्देनजर आभूषण निर्माताओं की लिवाली बढ़ने से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने मे गत तीन दिन की गिरावट थम गयी और आज इसके भाव 220 रुपए की तेजी केसाथ 27220 रुपए प्रति दस ग्राम बोले गये। वहीं औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं का उठाव बढ़ने से चांदी केभाव 850 रुपए की तेजी के साथ 37750 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचे।
नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाए जाने की विभिन्न दलों के सदस्यों की मांग के बीच सरकार ने मंलगवार को राज्यसभा में कहा कि बिना किसी भेदभाव के इंटरनेट सभी लोगों को उपलब्ध कराए जाने के लिए वह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि नेट निरपेक्षता से संबंधित सभी चिंताओं का समाधान करते समय इससे मूलभूत सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।
विदेशों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में मजबूती के बावजूद आभूषण और फुटकर विक्रेताओं की मांग घटने से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने में तीसरे दिन भी गिरावट रही और आज इसकी कीमत 30 रुपये गिरावट के साथ 27,000 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। चांदी को भी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और इसकी कीमत 310 रुपये की गिरावट के साथ 36,900 रुपये प्रति किलो रह गई।

शेयर बाजार बेहाल, सेंसेक्स में 600 पॉइंट की गिरावट

नवभारत टाइम्स
- ‎1 घंटा पहले‎





मोदी सरकार के साल भर के परफॉर्मेंस से कारोबारी जगत निराश नजर आ रहा है। इसका असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। बुधवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। शुरुआती 10 मिनट तक शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे, लेकिन देखत ही देखते बाजार में बड़ी गिरावट आई। बाजार में आई अचानक तेज गिरावट। दोपहर 12 बजे बीएसई सेंसेक्स 619.00 (-2.26%) पॉइंट नीचे 26,821.14 पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी भी 200.75 (-2.41%) पॉइंट की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 1 साल में मोदी सरकार ने उम्मीद से कम काम किया है और बाजार में इसको लेकर निराशा देखने को मिल रही है।

अब बिल गेट्स का एनजीओ भी गृह मंत्रालय की जांच दायरे में आया

प्रभात खबर
- ‎25 मिनट पहले‎





नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय अब गेट्स फाउंडेशन के कामकाज की जांच कर रहा है. इस एनजीओ को माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स और उनकी पत्नी मिलिंडा गेट्स चलाते हैं. सरकार एनजीओ की भूमिका और उसके कार्यनीति पर कड़ी नजर रख रही है. इकोनोमिक्स टाइम्स में छपी खबर के अनुसार मिनिस्ट्री इंटेलिजेंस एजेंसियों ने हेल्थ बॉडी और फंडिंग में फाउडेंशन की भूमिका की जांच कर रहा है. हालांकि इसकी जांच अभी शुरुआती दौर में है और अबतक किसी तरह की विशेष जानकारी सामने नहीं आयी है. अधिकारी ने बताया कि यह अधिकारिक जांच नहीं है. इसे सिर्फ कामकाज के विचार से किया जा रहा है. हमारे पास इस ...

एलपीजी सब्सिडी पर नहीं लगेगा आयकर, सरकार ने दी सफाई

बिजनेस भास्कर
- ‎2 घंटे पहले‎





नई दिल्ली। सरकार ने नकदी सब्सिडी के आयकर के दायरे में आने की चर्चाओं के बीच मंगलवार को इस पर सफाई जारी की। वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि एलपीजी सब्सिडी और सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभ कर के दायरे में नहीं आएंगे। गौरतलब है कि बीते सप्ताह लोकसभा से पारित हुए वित्त विधेयक में सब्सिडी को आयकर के दायरे में शामिल करने का प्रावधान किया गया था। इससे इसको लेकर कुछ असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। वित्‍त विधेयक 2015 में आयकर की परिभाषा को विस्‍तार दिया गया था। इसमें सब्सिडी, ग्रांट, कैश इन्‍सेंटिव और ड्यूटी ड्रॉ-बैक को एक ...

राजस्थान से हिंदुस्तान जिंक, केयर्न ने किए करार

Business Standard Hindi
- ‎7 मिनट पहले‎





हिंदुस्तान जिंक और केयर्न इंडिया ने राजस्थान सरकार के साथ राज्य में अगले तीन साल में 20,500 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किया है। दोनों कंपनियों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि एमओयू पर दस्तखत हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अखिलेश जोशी, केयर्न इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक मयंक अक्षर और सरकारी अधिकारियों ने कल यहां राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मौजूदगी में किए। ये करार यहां रिसर्जेंट राजस्थान के लिए आयोजित रोड शो के दौरान किए गए। रिसर्जेंट राजस्थान वैश्विक निवेशक सम्मेलन है जो नवंबर में जयपुर में ...

अमेरिका-यूरोप के बाजार में गिरावट, डाओ 18000 से नीचे

दैनिक जागरण
- ‎2 घंटे पहले‎





मुंबई। मंगलवार का दिन अमेरिकी और यूरोपिय शेयर बाजारों के लिए निराशाजनक रहा। अमेरिकी बाजार जहां कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण दबाव में हैं तो यूरोपिय बाजार ग्रीस के संकट के भंवर में उलझे हुए हैं। मंगलवार के कारोबारी सत्र में डाओ जोंस 142.2 अंक यानि 0.8 फीसदी की गिरावट के साथ 17928.2 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं एसएंडपी 500 इंडेक्स 25 अंक यानि 1.2 फीसदी की कमजोरी के साथ 2089.5 के स्तर पर बंद हुआ है। इसके अलावा नैस्डेक 77.6 अंक यानि 1.5 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 4939.3 के स्तर पर बंद हुआ है। यूके का एफटीएसई 0.84 फीसदी गिरकर 6,927 पर बंद हुआ है। जर्मनी का डीएएक्स 2.51 फीसदी लुढकर ...

रोहतांग पास पर डीजल वाहनों को 3 महीने की छूट

बिजनेस भास्कर
- ‎3 घंटे पहले‎





शिमला। पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हिमाचल को बड़ी राहत दी है। एनजीटी ने तीन महीनों के लिए सशर्त यह राहत दी है। एनजीटी के आदेशों के अनुसार रोहतांग के लिए प्रतिदिन 1000 वाहन जा सकेंगे। डीजल वाहनों को ढाई हजार पेट्रोल वाहनों को 1 हजार रुपए फीस देनी होगी। अमाउंट राशि देने के बाद ही रोहतांग जा सकेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 27 अप्रैल को 5 मई के बाद रोहतांग के लिए सभी डीजल संचालित पर्यटन व्हीकल की आवाजाही पर रोक लगाई थी। एनजीटी ने तीसरी बार छूट दी है। 15 अप्रैल को एनजीटी ने यह फैसला सुनाया था। एनजीटी के फैसले पर एतराज जताते हुए ...

आरबीआई के पास सिर्फ 557 टन गोल्ड, जबकि जनता के पास बीस हजार टन सोना

Samachar Jagat
- ‎11 मिनट पहले‎





नई दिल्ली। देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास 557.75 टन सोना है जबकि जनता के पास इससे कहीं ज्यादा बीस हजार टन के करीबन सोना है। सरकार की और से संसद को आज यह सूचना दी गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया, भारतीय रिजर्व बैंक के पास 557.75 टन सोना है। जबकि देश में जनता के पास कितना सोना है इसका आंकडा सरकार नहीं रखती है। उन्होंने कहाकि हालांकि, कुछ रिर्पोटों के मुताबिक देश में 20,000 टन के करीब सोना जनता के पास है। सोने के आयात पर खर्च विदेशी मुद्रा के बारे में पूछे गये सवाल पर जेटली ने कहा, वर्ष 2014-15 में 34.41 अरब ...

महाराष्ट्र के वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के लिए बैंकों से की मुलाकात

प्रभात खबर
- ‎38 मिनट पहले‎





मुंबई : महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आज कहा कि उन्होंने 'प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना' को बढावा देने के लिए पिछले सप्ताह बैंकों के साथ समीक्षा बैठक की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ मई को इस योजना के अलावा दो अन्य महत्वाकांक्षी योजनाएं भी पेश करेंगे. मोदी तीन योजनाएं प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और अटल पेंशन योजना पेश करेंगे. मुनगंटीवार ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने बजट भाषण के दौरान इन योजनाओं की घोषणा की थी जिसका लक्ष्य है विशेष तौर पर गरीबों और वंचित वर्गों के लिए व्यापक ...

फ्लिपकार्ट समेत पांच ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ आरोप खारिज

दैनिक भास्कर
- ‎2 घंटे पहले‎





गैजेट डेस्क। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने ऑनलाइन रिटेल कंपनियों फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, अमेजन, जबॉन्ग और मिंत्रा के खिलाफ अनुचित व्यापार के आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग को पहली नजर में इन कंपनियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन का कोई सुबूत नहीं मिला है। इस बारे में फ्लिपकार्ट इंडिया, जैस्पर इन्फोटेक, जेरियन रिटेल, अमेजन सेलर सर्विसेज और वेक्टर ई-कॉमर्स के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई थीं। जैस्पर स्नैपडील डॉट कॉम चलाती है, जेरियन के पास जबॉन्ग डॉट कॉम का स्वामित्व है, जबकि मिंत्रा डॉट कॉम के पीछे वेक्टर कंपनी है। मिंत्रा को फ्लिपकार्ट ने ...

राजस्व विभाग नहीं वसूल पा रहा सेवा कर बकाया : कैग

प्रभात खबर
- ‎1 घंटा पहले‎





नयी दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने आज कहा कि राजस्व विभाग द्वारा सेवाकर के पुराने बकाये की वसूली में तेजी लाने के लिये किये गये प्रयासों का कोई असर नहीं दिखाई दिया क्योंकि 2013-14 में वसूली इससे पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कम रही. कैग की आज संसद के पटल पर रपट के अनुसार, 'यह काफी चिंता का विषय है कि 2013-14 में सेवाकर बकाये की वसूली का अनुपात इससे पिछले वर्ष के मुकाबले तेजी से घटकर 3.12 प्रतिशत रह गया जबकि इससे पिछले वर्ष यह 11.40 प्रतिशत था.' कैग ने कहा है कि विभाग को अपने वसूली प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है. रपट के अनुसार वर्ष 2013-14 की शुरुआत में ...

टाटा नैनो का डीजल संस्‍करण अभी नहीं आयेगा, टाटा मोटर्स ने योजना टाली

प्रभात खबर
- ‎4 घंटे पहले‎





पुणे : टाटा मोटर्स ने डीजल चालित नैनो कार पेश करने की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी है. वाहन में संशोधन और इसके आर्थिक पहलुओं को देखते हुए कंपनी निकट भविष्य में डीजल नैनो का विनिर्माण नहीं करेगी. उम्मीद है कि कंपनी जल्दी ही जेन-एक्स नैनो पेश करेगी. उसने 2-सिलिंडर वाला 800 सीसी का डीजल ईंजन विकसित किया है. अनुमान लगाया जा रहा था कि यह इंजन नैनो में फिट किया जाएगा लेकिन उसने फिलहाल इसका इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया है. टाटा मोटर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश वाघ ने कहा 'वजह यह है कि अभी हम जहां खडे हैं, उसमें वाहन के अंदर सुधार एक बडी चुनौती है और इस तरह की ...

You are hereTop Newsकालाधन खातों के बारे में स्विटजरलैंड ने कोई सूचना नहीं दी : जेतली

पंजाब केसरी
- ‎57 मिनट पहले‎





नई दिल्ली: स्विटजरलैंड, ब्रिटेन और स्पेन की सरकारों ने कालेधन से जुड़े किसी भी खाते के बारे में कोई ब्यौरा उपलध नहीं कराया है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज संसद को यह जानकारी दी। राज्य सभा को दिए एक लिखित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, 'स्विटजरलैंड, ब्रिटेन और स्पेन ने कालाधन खाते के बारे में कोई ब्यौरा नहीं दिया।'' उन्होंने कहा, ''हालांकि, खास मामलों में जहां अनुरोध किया गया उन देशों ने जरूरी सूचना उपलध कराई है जिनके साथ भारत की कर संधि है।'' जेतली ने कहा कि देश के भीतर और विदेशों में रखे गए कालेधन के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई अनुमान नहीं है। इस मुद्दे पर सरकार ...

आसमान पर पहुंचे दालों के दाम, गृहणियां बोलीं मोदी ने किया निराश

दैनिक भास्कर
- ‎1 घंटा पहले‎





इंदौर। "दाल-रोटी खाओं प्रभु के गुण गाओ" ये कहावत अब लोगों को मुंह चिढ़ाने लगी है। पिछले दो महीनों में दालों के दाम इतने चढ़ गए हैं कि अब दाल मध्यमवर्गीय परिवार की थाली से बाहर निकलने की कगार पर पहुंच गई है । चने की दाल को छोड़कर बाकि सभी दालें 100 रूपए किलो से ऊपर पहुंच गई हैं। बढ़ती महंगाई को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का ग्राफ चढ़ती महंगाई के चलते गिरने लगा है। इस मामले में सरकार की अनदेखी से गृहणियां पीएम मोदी से नाराज भी हैं और निराश भी । दाल के बढ़ते दामों ने मोदी का ग्राफ गिरा दिया है। क्या है दालों के दाम : दो महीने पहले ...

भारत हासिल कर सकता है 9-10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि : अरुण जेटली

प्रभात खबर
- ‎4 घंटे पहले‎





बाकू/नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत की नयी सरकार ने अपने एक साल के कार्यकाल में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बडी संख्या में सुधारवादी कदम उठाए हैं और देश में 9-10 प्रतिशत वार्षिक आर्थिक वृद्धि का सामर्थ्‍य है. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत में 9-10 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने का सामर्थ्‍य है. इसका लाभ उठाने के लिए हमें ग्रामीण क्षत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और सिंचाई पर बडा निवेश करना है और यह एक ऐसा क्षेत्र जिसमें हम प्रगति कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि इसके अलावा बुनियादी ढांचे में बहुत निवेश की जरुरत है ताकि इसका विनिर्माण ...

किसानों का जंतर मंतर पर प्रदर्शन

नवभारत टाइम्स
- ‎5 घंटे पहले‎





भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापिस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को देश भर से किसान जंतर मंतर पर फिर एकजुट हुए। सभी किसान जंतर मंतर पर भूमि अधिकार संघर्ष रैली में पहुंचे थे। इसमें सीपीआई (एम) और सीपीआई जैसी पार्टियों के नेताओं के अलावा कई किसान समर्थन संगठन भी पहुंचे। सभी किसानों ने केंद्र सरकार के भूमि अध्यादेश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहां मौजूद संगठनों ने कहा कि बीजेपी सरकार एक बार फिर संसद में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लेकर आ गई है। वह किसी भी सूरत में इस किसान विरोधी अध्यादेश को बिल में बदलवाना चाहते हैं। इस अध्यादेश में कई खामियां हैं, जिससे किसान लाचार ...

कौशल विकास अभियान के तहत सालाना 2100 युवाओं को ट्रेनिंग देगी मारुति

नवभारत टाइम्स
- ‎19 घंटे पहले‎





वीइकल मार्केट की प्रमुख कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया देशभर में सरकार के 45 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में वाहन कौशल संवर्द्धन केंद्र स्थापित कर अपनी कौशल विकास गतिविधियां बढ़ा रही है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने एक बयान में कहा गया कि कार्यक्रम के जरिए कंपनी सालाना कार सर्विस और मरम्मत के क्षेत्र में सालाना 2100 युवाओं को ट्रेनिंग देगी। एमएसआई के कार्यकारी निदेशक (सर्विस) पंकज नरुला ने कहा, 'सड़क पर वाहनों की तादाद बढ़ने के बीच अच्छी मरम्मत रोजगार के बड़े मौके पेश करेगी। वाहन कौशल संवर्द्धन केंद्र (एएसईसी) प्रशिक्षुओं को प्रायोगिक अनुभव ...

लेबर लॉ में संशोधन के खिलाफ ट्रेड यूनियनें हड़ताल की तैयारी में

दैनिक जागरण
- ‎21 घंटे पहले‎





नई दिल्ली। मोदी सरकार कारोबार को आसान बनाने तथा 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग श्रम कानूनों में संशोधन कर एक एकीकृत श्रम कानून ला रही है। श्रम कानूनों में इस संशोधन प्रस्ताव के खिलाफ ट्रेड यूनियनें देश भर में विरोध प्रदर्शन और हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। केंद्रीय ट्रेड यूनियन श्रम कानून को कथित रूप से हल्का करने को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बारे में 26 मई को सम्मेलन में निर्णय करेंगी। भाजपा समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव ब्रजेश उपाध्याय ने कहा, 'हम (केंद्रीय यूनियन) सरकार के श्रम कानून को हल्का करने के कदम ...

पैनासॉनिक ने लॉन्‍च किया 4जी बजट फोन इलुगा

Nai Dunia
- ‎21 घंटे पहले‎





मल्‍टीमीडिया डेस्‍क। भारत में सस्‍ते 4जी स्‍मार्टफोन को लॉन्‍च करने की होड़ सी मची हुई है। मोटोरोल, जेनफोन और शियोमी के बाद अब पैनासॉनिक ने भी सस्‍ता 4जी स्‍मार्टफोन इलुगा एल भारत में लॉन्‍च कर दिया है। कंपनी ने इस फोन की कीमत 12990 रुपए रखी है। इलुगा एल में आईपीएस डस्‍प्‍ले वाली 5 इंच की स्‍क्रीन है और 1 जीबी रैम तथा 8 जीबी इंटरनल स्‍टोरेज है। इस फोन में पैनासॉनिक ने आगे तथा पिछले हिस्‍से में कॉर्निंग गोरिला ग्‍लास का इस्‍तेमाल किया है। फोन पतला है और इसकी मोटाई 6.1 एमएम है। आइए जानते हैं इसके फीचर्स के बारे में. कीमत : 12990. ऑपरेटिंग सिस्‍टम : 4.4 किटकैट. प्रोसेसर : 64 बिट ...

देश का पहला डेरा नियंत्रित सोलर प्लांट होशियारपुर में लगेगा

दैनिक भास्कर
- ‎6 घंटे पहले‎





होशियारपुर। देश के पहले 4.2 सेटेलाइट नियंत्रित सौर ऊर्जा प्लांट का नींव पत्थर लालपुर गांव में रिन्यूएवल ऊर्जा संबंधी और राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने रखा। ये प्लांट 20 एकड़ में बनेगा। इस पर 35 करोड़ रुपए खर्चे जाएंगे। इसमें सिंगल एक्सिस ट्रैकिंग ईस्ट वेस्ट टिल्ट तकनीक यूज की जाएगी। इस दौरान हुए समारोह में मजीठिया ने कहा कि इसकी विशेषता यह है कि दिन ढलने के साथ जैसे जैसे सूरज घूमेगा, उसी दिशा में इसके सोलर पैनल घूमते जाएंगे। इस कारण यह यह आम सोलर पावर प्लांटों से 8 प्रतिशत अधिक बिजली बनाएगा। उन्होंने कहा कि राधास्वामी सत्संग घर डेरा ब्यास में 7.5 मेगावाट के ...

एनपीपीए ने दवा कंपनियों को ऑनलाइन डाटाबेस पंजीकरण नहीं

Nafa Nuksan
- ‎2 घंटे पहले‎





नयी दिल्ली। देश की शीर्ष 100 फार्मा कंपनियों में से मात्र 41 ने राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण अर्थात् एनपीपीए के निर्देशों के अनुरूप ऑनलाइन डाटाबेस से पंजीकरण कराया है। ऐसे में दवा मूल्य नियामक ने शेष कंपनियों को आगाह किया है कि यदि वे उसके आदेश का तत्काल अनुपालन नहीं करेंगी, तो वह उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। एनपीपीए ने पिछले साल सितंबर में सभी फार्मा कंपनियों को एकीकृत फार्मास्यूटिकल डाटाबेस प्रबंधन प्रणाली अर्थात् आईपीडीएमएस से पंजीकरण कराने का निर्देश दिया था। एनपीपीए ने अपनी वेबसाइट पर फार्मा कंपनियों को नोटिस में कहा है कि ...




No comments:

Post a Comment