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Sunday, May 17, 2015

दलित महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया जाना, प्रदेश में दलित उत्पीड़न की पराकाष्ठा ‘लोकतंत्र और इंसाफ का सवाल‘ पर हुई परिचर्चा

RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
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इंसाफ मुहिम का अगुवाई करे युवा- मुहम्मद शुऐब
दलित महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया जाना, प्रदेश में दलित उत्पीड़न की पराकाष्ठा
‘लोकतंत्र और इंसाफ का सवाल‘ पर हुई परिचर्चा

इलाहाबाद 17 मई 2015। ‘लोकतंत्र और इंसाफ का सवाल‘ विषय पर इलाहाबाद
विश्वविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग छात्रावास में परिचर्चा का आयोजन हुआ।
परिचर्चा में मुख्य वक्ता रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि जिस
तरह से पिछले दिनों हाशिमपुरा, गुजरात के दंगाईयों से लेकर बाथे-बथानी
टोला से लेकर जगह-जगह फैसले आए उन्होंने साफ किया कि मुस्लिमों,
दलितों-आदिवासियों को इंसाफ न देने के सवाल पर सभी सरकार एक मत हैं। जिस
तरीके से आरडी निमेष आयोग द्वारा तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद को
निर्दोष बताने के बाद भी तारिक कासमी को आजीवन कारावास दिया गया है उससे
इंसाफ और लोकतंत्र का सवाल अहम हो जाता है कि क्या सरकार के लिए जनता के
मनोबल के बरअक्स पुलिस का मनोबल ज्यादा अहम है। उन्होंने युवाओं से अपील
करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारों की विकास के नाम पर की जा रही
नाइंसाफी के खिलाफ रिहाई मंच की मुहिम में नेतृत्व युवाओं का होगा, जो इस
मुिहम को समाज के व्यापक मुद्दों के साथ प्रदेश भर में चलाएगा।

सामाजिक न्याय मंच अध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि रिहाई मंच
की इंसाफ मुहीम में प्रदेश में छात्रों-युवाओं की शिक्षा-रोजगार जैसे
मुद्दे अहम होंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पदों की नियुक्तियों व
आयोगों में धांधली हो रही है उससे न केवल युवाओं का मनोबल टूटा है बल्कि
इससे बढ़कर यह हमारे समूचे लोकतंत्र पर एक संगठित हमला है। आज जिस तरीके
से सरकार और प्रशासन किसानों की आत्महत्या जैसे गंभीर मसले को दबाने का
हर संभव प्रयास कर रहे हैं वह इसी प्रकार के भ्रष्ट गठजोड़ का नतीजा है।
इंसाफ मुहीम में आयोगों की नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली, अरबी-फारसी
भाषा को यूपीएससी से हटाया जाना, राज्य विश्वविद्यालयों में उर्दू
अध्यापकों की नियुक्ति न करना, उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय से इन
तीनों भाषाओं की अनिवार्यता समाप्त करना, पीएचडी प्रवेश में धांधली,
सरकारी सेवाओं में रोजगार की भारी कटौती जैसे मुद्दे अहम होंगे।

रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि शाहजहांपुर जिले में जलालाबाद के
गांव बड़े हरेवा में पांच दलित महिलाओं को दंबगों द्वारा गांव में
निर्वस्त्र कर घुमाया गया और सुबह की घटना के बाद जिस तरीके से देर शाम
पुलिस गई वह साफ करता है कि प्रदेश में दलित उत्पीड़न को रोकने में न
सिर्फ सरकार विफल है बल्कि वह इसमें संलिप्त भी है। दंबगों व पुलिस
प्रषासन के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि
रिहाई मंच का एक जांच दल घटना स्थल का दौरा करेगा। इंसाफ मुहिम के बारे
में बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रथम चरण में पूरे प्रदेष में
जिले व कस्बों स्तर पर बैठकों के माध्यम से बिगड़ती कानून व्यवस्था,
प्रशासनिक उत्पीड़न, किसान आत्महत्या, भूमि अधिग्रहण, भ्रष्टाचार, अवैध
खनन, कृषि विरोधी सरकारी नीतियों, सांप्रदायिक-जातीय आधार पर हिंसा,
मंहगी शिक्षा व चिकित्सा जैसे सवाल जिस पर आम व्यक्ति जीना मुहाल हो गया
है सवालों को लेकर यह मुहिम चलाई जाएगी।

परिचर्चा में मुस्लिम हास्टल के सामजिक सचिव तबरेज खान, मोहम्मद आरिफ,
अनिल यादव, लक्ष्मण प्रसाद, दरीद नवाज, राधेश्याम यादव, मो जावेद, दिनेश
चैधरी, अबु सुफियान, डा0 लईक अहमद, आनंद यादव, जहरुल इस्लाम, मुन्ना
मजदूर, इरशाद अहमद, मो0 जावेद, रेहान आजमी आदि शामिल हुए। परिचर्चा का
संचालन डा0 नफीस अहमद ने किया।

द्वारा जारी
मोहम्मद आरिफ
09807743675
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