Sustain Humanity


Tuesday, August 25, 2015

.... गर्ल्स होस्टल्स का 10 बजिया आतंक .......


Majdoor Jha

..... गर्ल्स होस्टल्स का 10 बजिया आतंक .........
देश भर में जितने विश्वविद्यालयों में महिला छात्रावास हैं उसमें लगभग यह पाबंदी आज भी है. लगभग सभी महिला छात्रावास में महिलाएं ही अधीक्षक(वार्डेन) भी हैं. और अधिकांश महिला वार्डेन या तो स्त्री-आंदोलन की समर्थक हैं या उसमें उनकी सहभागिता रही है. इतनी समानताओं के बावजूद किसी वार्डेन ने कैम्पस के अंदर 10 बजे के इस कारवासीय नियम का विरोध नहीं किया है, यह अपने आप में आश्चर्य से कम नहीं. इसी विषय पर मेरी आने वाली लंबी कविता जिसका शीर्षक है--- 'पिंजड़े की क्रांतिकारी मालकिन' आप सभी के सामने संभवतः 31 अगस्त 2015 को शाम 5 बजे होने वाले काव्य-गोष्टी में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें कई युवा और प्रौढ़ कवि अपनी गंभीर कविताओं का पाठ करने वाले हैं। ..... 
'कैसे झर रहे हैं तुम्हारी देह से आदरणीय-अतीत-क्रान्ति 
जैसे किसी ऐय्याश चित्रकार ने किसी दीवार से चिपकाकर 
खींच दिये हों तुम्हारे सारे वस्त्र, ताकि तुम बिक सको.... 
कितना सुशील छद्म है इस पिंजड़े में 
हम होती हुई स्त्री का, हो चुके से ठगा जाना"..... 
.......................................... जरूर आइये ......

Like   Comment   Share
  • 1 share
  • Shailendra Yadav intjaar hai.........
    Like · Reply · 1 · 12 hrs
  • Neha Sharma Bahut badhiya smile emoticon
    Like · Reply · 3 · 11 hrs
  • Pooja Pawar समझ नहीं आ रहा है आपकी इस '10 बजिया आतंक'के विरोध में उठाये कदम की ख़ुशी मनाऊँ या दुःख
    क्योंकि हमारे छात्रावास में बहुत सी क्रन्तिकारी महिलाएं होते हुए भी इस मुद्दे पर पहला कदम आपको उठाना पड़ रहा है।
    ख़ैर
    ...See More
    Like · Reply · 4 · 11 hrs
  • Kavita Chauhan sahi kha pooja..
    Like · Reply · 3 · 11 hrs
  • Bedant Mishra Samar एक आंदोलन की जरुरत है ऐसे काम नहीं चलने वाला,नेत्रियों को आवाज उठाना पड़ेगा...#संजीवभैया
    Like · Reply · 1 · 10 hrs
  • Majdoor Jha Pooja Pawar jee, यह एक तरह का बुर्का-परस्ती है जो पढे-लिखे समाज में 10 बजे के बाद हमारे पढे-लिखे लोग हमपर लागू करते हैं.... और इसमें सिर्फ लड़कियां ही क्यूँ, बल्कि मैं समझता हूँ कि सभी लड़कों को भी इस पर बात करनी चाहिए क्यूंकी समाज के एक इकाई के विकास से पूरे समाज का विकास नहीं होता है......
    Like · Reply · 1 · 9 hrs
  • Majdoor Jha Bedant Mishra Samar आपने बिलकुल सही कहा.... कैरियर ओरिएंटेशन के इस भयावह समय में हमें व्यक्तिगत मुनाफ़े के डर से आगे निकल कर आवाज बुलंद करना ही होगा वरना आने वाली नस्लें हमें नंगा करती रहेंगी और हम होते रहेंगे....
    Like · Reply · 1 · 9 hrs · Edited
  • Pooja Pawar सहमत संजीव जी।
    Like · Reply · 1 hr
--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment