कैसे नहीं दोगे जमीन,देखते नहीं कि सड़कों पर उतरने लगे हैं युद्धक विमान
कि झीलों और समुंदरों की गहराइयों से मौसम की जमीं पर होने लगी है अग्निवर्षा
Sustain Humanity
Saturday, August 22, 2015
आज हमारे उत्तराखण्ड के एक महान सूफी गायक और योद्धा कवि गिरीश तिवारी गिर्दा की पुण्य तिथि है । वह आमरण यथार्थ पुण्य ही कमाते रहे । वह हमारी सुधियों और स्मृतियों के रक्षक थे । वह किसी सदा नीरा सरिता की भाँति हमारे भीतर और बाहर बहते रहेंगे । चालीस वर्ष पूर्व तिब्बत की राह पर मैं और मेरे पिता । हम दोनों बिल्कुल भी नहीं बदले । वह तब भी वृद्ध थे और मैं आज भी युवा
आज हमारे उत्तराखण्ड के एक महान सूफी गायक और योद्धा कवि गिरीश तिवारी गिर्दा की पुण्य तिथि है । वह आमरण यथार्थ पुण्य ही कमाते रहे । वह हमारी सुधियों और स्मृतियों के रक्षक थे । वह किसी सदा नीरा सरिता की भाँति हमारे भीतर और बाहर बहते रहेंगे ।
चालीस वर्ष पूर्व तिब्बत की राह पर मैं और मेरे पिता । हम दोनों बिल्कुल भी नहीं बदले । वह तब भी वृद्ध थे और मैं आज भी युवा
No comments:
Post a Comment