अरुंधति राय अपने बेबाक और तार्किक लेखन से 'वाद-विवाद-संवाद' की बौद्धिक परम्परा को अक्सर संवर्धित करती रहती हैं. डॉ.आंबेडकर की पुस्तक 'Annihilation of caste ' की 'The Doctor and the Saint ' शीर्षक से उन्होंने जो भूमिका लिखी थी उस पर चल रहा विवाद इधर फिर गर्माया है. राजमोहन गांधी ने EPW के11अप्रैल के अंक में प्रकाशित अपने लेख में अरुंधति राय द्वारा लिखित इस भूमिका से अपनी तीखी असहमति अभिव्यक्त की थी. अब अरुंधति राय ने EPW के 20 जून के अंक में इसका विंदुवार विचारोत्तेजक जवाब दिया है. इसे धैर्य के साथ पढ़ा जाना चाहिए. हिन्दी के बुद्धिजीवियों को भी इससे यह सीखना चाहिए कि असहमति के स्वरों से तार्किक संवाद किया जाय ना कि 'शूट दि मेसेंजर' की तर्ज़ पर उनकी आवाज़ को दबाने की चुप्पा षड्यंत्रकारी मुहिम रची जाय. फिलहाल संग्लन है यहाँ अरुंधति राय के लेख का लिंक.http://www.epw.in/discussion/all-worlds-half-built-dam.html.l.
Sustain Humanity
Tuesday, June 30, 2015
अरुंधति राय अपने बेबाक और तार्किक लेखन से 'वाद-विवाद-संवाद' की बौद्धिक परम्परा को अक्सर संवर्धित करती रहती हैं. डॉ.आंबेडकर की पुस्तक 'Annihilation of caste ' की 'The Doctor and the Saint ' शीर्षक से उन्होंने जो भूमिका लिखी थी उस पर चल रहा विवाद इधर फिर गर्माया है. राजमोहन गांधी ने EPW के11अप्रैल के अंक में प्रकाशित अपने लेख में अरुंधति राय द्वारा लिखित इस भूमिका से अपनी तीखी असहमति अभिव्यक्त की थी. अब अरुंधति राय ने EPW के 20 जून के अंक में इसका विंदुवार विचारोत्तेजक जवाब दिया है.
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