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Saturday, April 18, 2015

केसरिया सुनामी की हवा भी लापता, सत्ता के मुकाबले फिर खड़ा हुआ वाम तो कमल मुरझाने लगे बंगाल में

केसरिया सुनामी की हवा भी लापता
सत्ता के मुकाबले फिर खड़ा हुआ वाम तो कमल मुरझाने लगे बंगाल में
दीदी का चुनावी ऐलान मुफ्त करेंगी कैसर का इलाज और दिल का आपरेशन
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

Mamata Banerjee
I thought of sharing with all of you a few important initiatives that our Government have decided to take.
After our huge success of Fair Price Medicine shops and Diagnostic Centres, the state government would soon make treatment of all types of cancer, cardiac problems and blood disorders completely free in state government-run hospitals and medical colleges.
The services to be provided would include all types of medicines, radiation therapy, surgical procedures like open heart surgery, bypass surgery, repair and replacement of valves and insertion of different types of implants like stents and pace makers.
The scope of treatment of blood disorders including blood cancer, thalassemia, alplastic anaemia, hemophilia, etc would also be enhanced to offer universal coverage.
The programme will be launched very soon after tying up the logistics and other issues.

बंगाल में मौसम बदलते न बदलते केसरिया सुनामी अब धीमी बयार भी नहीं रही।मीडिया जनाधार और धर्मोन्मादी ध्रूवीकरण की वजह से लोकसभा में मिले वोटों के प्रतिशत को बढ़ा चढ़ाकर जो मीडिया आगामी विधानसभा चुनावों में बंगाल में तीसरे विकल्प के तौर पर भाजपा को प्रोजेक्ट करने लगा था,उसने भी हथियार डाल दिये लगता है।

अभी अभी रुपा गांगुली के ग्लेमर को अपराजेय ममता का विकल्प बनाने की जोर कोशशि भी हुई लेकिन कोलकाता नगर निगम के लिए आज हो रहे मतदान के दिन मीडिया ने ऐलान कर दिया कि लहलहाती कमल की फसल मुरझा गयी है।

यूपी की तरह अतिवृष्यि या शिलावृष्टि बंगाल में अभी हुई नहीं है।आगे मानसून क्या हाल होगा बंग विजय के अश्वमेध अभियान का।

मलेरिया या डीसेंट्री किस बीमारी का शिकार हो जायेगा केसरिया रंग,कहना मुश्किल है।

बहरहाल मुकाबला अब सीधे वाम दलों और सत्तादल तृणमूल कांग्रेस के बीच है।केसरिया कहीं नहीं है।

कोलकाता में आज दर्जनों जगह चुनाव संघर्ष लाइव है टीवी चैनलों पर।

कहीं बम फट रहे हैं तो कहीं मीडियाकर्मियों पर हमले हो रहे हैं।तो कहीं गोली चल रही है।कहीं बूथ जाम है तो कहीं मारामारी है तो कहीं लाठीचार्ज है।

कोलकाता अब कुरुक्षेत्र है और इस कुरुक्षेत्र में कल्कि वाहिनी का अता पता नहीं है।लहू से लथपथ तमाम चेहरे वामपंथी है।

चुनाव जीते या हारे,सत्तादल को चुनौती देने का जनाधार और संगठन सिर्फ वामदलों के पास हैं।इसके उलट मीडिया,अकूत दौलत और उग्र धर्मोन्माद को छोड़ संघ परिवार के पास न संगठन है और न जनाधार।

संगठन और नेतृत्व में मामूली फेरबदल से ही वाम का कायाकल्प होते दीख रहा है।वामदलों को अक्ल कब आयेगी कि नेतृत्व और संगठन में सभी वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व देने की हालत में नजारा जो बदलने वाला है,उसका अंदाजा लगायें।

मैदान छोड़कर जो वामपक्ष ने खुल्ला खेल केसरिया बना दिया था, वह वाम के मैदान में आते ही सिरे से बदल गया है।

गौरतलब है कि चुनावी सर्वेक्षणों के मुताबिक दूसरे स्थान के लिए भाजपा का मुकाबला माकपा से बताया जा रहा था।मसलन एसी नीलसन और एबीपी आनंद की ओर से कराए गए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में निगम की 144 सीटों में से 103 सीट तृणमूल की झोली में जाने का अनुमान है। जबकि तृणमूल के आंतरिक आकलन के अनुसार उसे 115 सीट मिलेंगी। ममता बनर्जी की पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता उनकी पार्टी के बागी नेता ही हैं, जो कई वार्डों से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

तृणमूल के एक वरिष्ठï नेता ने बताया, 'करीब 20 से अधिक वार्डों में बागी उम्मीदवार हैं और हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे हमारे लिए मुश्किलें खड़ी नहीं करें। नगर निगम के इन चुनावों में इसके अतिरिक्त तृणमूल किसी अन्य बात को लेकर चिंतित नहीं है।' जबकि माकपा और भाजपा दूसरे स्थान के लिए लड़ रही हैं। महज एक पखवाड़ा पहले ही भाजपा को तृणमूल के लिए कड़ी चुनौती माना जा रहा था। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि वामदलों का प्रदर्शन भाजपा से अच्छा रहेगा।

बाकी देश में भी वामपक्ष प्राक्षी लड़ाई छोड़कर पहले करें मैदान में उतरने का तो हाशिये पर खड़ा वामपक्ष फिर उठ खड़ा हो सकता है।

इसी बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐन चुनाव से पहले अपने फेसबुक पेज के जरिये कैंसर के इलाज और दिल का आपरेशन मुफ्त कराने का ऐलान करके सनसनी फैला दी है।कोलकाता नगर निगम चुनाव के एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है। विपक्ष का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर  शुक्रवार को राज्य में कैंसर का इलाज मुफ्त किये जाने के साथ हृदय रोगियों की बाइपास सर्जरी और ब्लड डिसऑर्डर के रोगियों का मुफ्त इलाज करवाने का वायदा करते हुए पोस्ट डाला, जो कि चुनावी आचार संहिता का साफ उल्लंघन है

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को घोषणा की कि सभी प्रकार के कैंसर, ह्वदय संबंधी समस्याएं और रक्त विकार का राज्य में सरकार संचालित अस्पतालों में पूरी तरह मुफ्त इलाज किया जा सकेगा।

अपने फेसबुक पेज पर बनर्जी ने लिखा है, ""उचित मूल्य की दवा की दुकान और जांच केंद्रों में बड़ी सफलता मिलने के बाद राज्य सरकार शीघ्र ही सभी प्रकार के कैंसर, ह्वदय संबंधी समस्याएं और रक्त संबंधी विकार को राज्य सरकार संचालित अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में पूरी तरह मुफ्त इलाज कराएगी।""
बनर्जी ने कहा कि मुफ्त मुहैया कराई जाने वाली सेवा में सभी प्रकार की दवाएं, रेडिएशन थेरेपी, ओपन हार्ट सर्जरी, बाइपास सर्जरी, वाल्वों को दुरूस्त करने और बदलने जैसी सर्जिकल प्रक्रियाएं और विभिन्न प्रकार के उपकरण जैसे स्टेंट और पेस मेकर लगाने का काम शामिल होगा। उन्होंने कहा, ""रक्त कैंसर, थैलेसेमिया, अलप्लास्टिक अनीमिया, हेमोफीलिया इत्यादि रक्त विकारों के इलाज को सभी लोगों तक पहुंचाया जाएंगा।""

गौरतलब है दीदी अब भी सितारों के भरोसे हैं और बेहद रणनीति के तहत उनने मतदान से ऐन पहले भाजपा की रुपा गांगुली की गिरफ्तारी न करने के लिए बाकायदा पुलिस से जवाब तलब करके मुकाबला लोकसभा चुनावों की तरह फिर तृणमूल बनाम भाजपा बनाने की भरसक कोशिश की।

गौरतलब है कि कोलकाता नगर निगम चुनाव के अंतिम दिन तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को सुकांत सेतु से गरियाहाट और बाड़ीगंज फाड़ी से गोपालनगर तक जुलूस निकाला। जुलूस में कोलकाता के निवर्तमान मेयर शोभन चटर्जी, सांसद ,अभिनेता देव, सोहम, श्रावंती, सायंतिका सहित तमाम उजले सितारे शामिल थे।
दीदी ने रैली के आरंभ में भाजपा नेता अभिनेत्री रूपा गांगुली पर हमला बोला।गौरतलब है कि रूपा गांगुली ने आरोप लगाया था कि गोपालनगर में चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान तृणमूल समर्थकों ने उनके साथ धक्का मुक्की की थी।
दीदी ने कहा कि सभी पार्टियों के झंडे का सम्मान है। यदि कोई अपराध करता है, वह खुद ही उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देती हैं। उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन यदि कोई उन लोगों के झंडे को फाड़ता है, उसे पैर के नीचे रौंदता है, तो फिर उसे क्यों गिरफ्तार नहीं किया जायेगा।
याद करें कि इसे पहले ममता बनर्जी सरकार ने विश्र्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडि़या के राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। कहा गया कि यदि तोगडि़या बंगाल में जल-थल या वायु मार्ग से भी प्रवेश करते हैं तो उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से ऐसा निर्देश सभी जिला प्रशासन को भेजा गया। लेकिन तोगड़िया ठीक वैेसे ही नहीं ाये जैसे पूर्व घोषणा के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह नहीं आये।

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