कैसे नहीं दोगे जमीन,देखते नहीं कि सड़कों पर उतरने लगे हैं युद्धक विमान
कि झीलों और समुंदरों की गहराइयों से मौसम की जमीं पर होने लगी है अग्निवर्षा
Sustain Humanity
Saturday, August 15, 2015
लाल किले की प्राचीर से वे जब फहराएंगे तिरंगा फूल बरसेंगे तुम बेचते रहो झंडा देश का ट्राफिक सिग्नल पर तुम्हारी आँखों से मेरी तरह आँसू गिरेंगे..... वे कह चुके हैं ये देश उनका है -नित्यानंद गायेन
लाल किले की प्राचीर से वे जब फहराएंगे तिरंगा फूल बरसेंगे तुम बेचते रहो झंडा देश का ट्राफिक सिग्नल पर तुम्हारी आँखों से मेरी तरह आँसू गिरेंगे..... वे कह चुके हैं ये देश उनका है
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