Yashwant Singh traveling to Mumbai, Maharastra from Nashik Road Railway Station.
नाशिक रेलवे स्टेशन पर एक अंधे लेकिन हस्ट-पुष्ट भिखारी को एक साहब टाइप सज्जन ने पैसे देने के बदले रोटी सब्ज़ी ऑफर किया तो उसने तुरंत मान लिया और उन्हीं के सामने लाठी बिछा धरती पर पालथी मार बैठ गया। उनने अपने बैग से खाना निकाला और सम्मान के साथ दे दिया। टांय टांय बोलने वाला अँधा भिखारी जब दो तीन कौर खा गया तो साहब बोले- ये सब्ज़ी आंवले की है, इससे डायबटीज़ की बीमारी नहीं होगी।
भिखारी खाना मुंह में कूँचते चबाते बोला- साहब, डायबटीज़ की बीमारी चोरों झुट्ठों को होती है। मुंझे काहें को होगी।
बेचारे साहब। उनका मुंह देखने लायक था। सामने मैं बैठा था। वे मुझे देखने लगे तो मैं ठठा के हंस पड़ा। वो बहुत झेंप गए। वो अँधा भिखारी भी देख रहा था साहब के चेहरे पर डायबटीज़ का उभर आना। खाना ख़त्म कर भिखारी ने मिनरल वाटर की बोतल झोले से निकाल गड़गड़ा कर पिया और लाठी ठोंकते टांय टांय बोलते-मांगते आगे बढ गया।
भिखारी खाना मुंह में कूँचते चबाते बोला- साहब, डायबटीज़ की बीमारी चोरों झुट्ठों को होती है। मुंझे काहें को होगी।
बेचारे साहब। उनका मुंह देखने लायक था। सामने मैं बैठा था। वे मुझे देखने लगे तो मैं ठठा के हंस पड़ा। वो बहुत झेंप गए। वो अँधा भिखारी भी देख रहा था साहब के चेहरे पर डायबटीज़ का उभर आना। खाना ख़त्म कर भिखारी ने मिनरल वाटर की बोतल झोले से निकाल गड़गड़ा कर पिया और लाठी ठोंकते टांय टांय बोलते-मांगते आगे बढ गया।
लर्निंग- भिखारी का पेट भरने के दौरान डायबटीज़ और डेमोक्रेसी बतियाएंगे तो लात खाएंगे ही smile emoticon
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