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Monday, April 11, 2016

लू की मार और बाल्टियों की बहार,खून की धार! इसी के मध्य दोपहर एक बजे तक रिकार्ड साठ फीसद वोट पड़ गये। जेटली ने नारद स्टिंग की जांचे से किया इंकार। सबसे बड़े बांग्ला दैनिक में बैनर छपा है कि दीदी ने फरमान जारी किया है कि सारी सीटें चाहिए और दीदी के तमाम भाई बूथों पर बाल्टी लेकर मुश्तैद लामबंद हैं।मतदान के शुरुआती आंकड़ों से साफ है कि बाल्टियों का जमकर इस्तेमाल हुआ और दूध के बदले लोकतंत्र पानी पानी है।मतदान अबकी दफा भी अनेक बूथों पर सौ फीसद हो जाने का नजारा बहार है। एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप



लू की मार और बाल्टियों की बहार,खून की धार!


इसी के मध्य दोपहर एक बजे तक रिकार्ड साठ फीसद वोट पड़ गये।

जेटली ने नारद स्टिंग की जांचे से किया इंकार।


सबसे बड़े बांग्ला दैनिक में बैनर छपा है कि दीदी ने फरमान जारी किया है कि सारी सीटें चाहिए और दीदी के तमाम भाई बूथों पर बाल्टी लेकर मुश्तैद लामबंद हैं।मतदान के शुरुआती आंकड़ों से साफ है कि बाल्टियों का जमकर इस्तेमाल हुआ और दूध के बदले लोकतंत्र पानी पानी है।मतदान अबकी दफा भी अनेक बूथों पर सौ फीसद हो जाने का नजारा बहार है।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

हस्तक्षेप

विधानसभा चुनाव 2016:  पश्चिम बंगाल में हिंसा, मतदान केंद्र के नजदीक बम बरामद

फोटो साभार- ANI


खास कोलकाता में तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस है।आसनसोल में 43.बांकुड़ा में 45. वर्धमान में 42.5 और मेदिनीपुर में 41.7 है।

इसी के मध्य दोपहर एक बजे तक रिकार्ड साठ फीसद वोट पड़ गये।यही नहीं,सुबह नौबजे तक 22 फ़ीसद मतदान होने की ख़बर है।आज ही सबसे बड़े बांग्ला दैनिक में बैनर छपा है कि दीदी ने फरमान जारी किया है कि सारी सीटें चाहिए और दीदी के तमाम भाई बूथों पर बाल्टी लेकर मुश्तैद लामबंद हैं।


मतदान के शुरुआती आंकड़ों से साफ है कि बाल्टियों का जमकर इस्तेमाल हुआ और दूद के बदले लोकतंत्र पानी पानी है।


मतदान अबकी दफा भी अनेक बूथों पर सौ फीसद हो जाने का नजारा बहार है।


इसी बीच नारद स्टिंग की जांच कराने की तृणमूली घोषणा के बीच भाजपा के नेता और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किसी भी तरह की जांच कराने की संभावना से इंकार कर दिया है।जेटली ने बंगाल में भाजपा को एकमात्र विकल्प भी कहा है।


अब बांकुड़ा,फश्चिम मेदिनीपुर और वर्धमान जिले में इस दहकते मौसम में लोकतंत्र की कैसी बहार है,इसका अंदाजा इससे पहले हस्तक्षेप पर मतदान के वीडियो से साफ न हुआ हो तो बांग्ला टीवी चैनलों के फुटेज,लाइव कवरेज और अखबारों के शीर्षकों से समझ लीजिये।


चुनाव आयोग ने बूथों के बीतर पुलिस के घुसने पर रोक लगा दी लेकिन सर्वर्त्र वही बंगाल पुलिस के जवान बूथों का बंदोबस्त संभालते नजर आये और केंद्रीय वाहिनी काअता पता नहीं है।


सुबह सुबह बांकुड़ा के सोनामुखी में खुलेआम पिस्तौल लेकर चलने का फुटेज आया और परदे पर बमों की बहार हो गयी।


बाद में प्रशासन की रपट का हवाला देते हुए चुनाव आयोग की सफाी आ गयी कि इस फुटेज में कोई तथ्य नहीं है और जो बम मिले हैं,वे हाथी खदेड़ने के काम आते हैं।


बहरहाल किसी बूथ पर हाथियों का कोई झुंड नजर नहीं आया।

इसके उलट दिनदहाड़े मुंह पर कपड़ा बांधे मस्तान लोगों को गांवों में घूमते हुए वोटरों को डराते धमकाते देखे गये।केंद्रीय वाहिनी का अता पता नहीं है।


हाल तो यह रही कि नारायण गढ़ चुनाव क्षेत्र में सत्तादल के फर्जी वोटर वोटरों की लाइन में वाम लोकतांत्रिक गठबंधन के मुख्यमंत्री प्रत्याशी सूर्यकांत मिश्र को धमकाते देखे गये वहां फ्रेम में न पुलिस है और न केंद्रीय वाहिनी।


पत्रकारों ने जब उनसे मतदाता परिचय पत्र दिखाने को कहा तो वे मीडियाकर्मियों से उलझ पड़े।तभी वहां खड़े दूसरे लोगों ने कहा कि ये लोग रात में गांव में घरों में आगजनी और लूटपाट कर रहे थे।


वोटरों और विपक्ष के एजंटों से मारपीट,छाप्पा वोट और वोटरं को डराने धमकाने का काम जमकर हुआ और इसके बावजूद लू की दुपहरी को सत्तादल की हरियाली में बदलने वाला भारी मतदान हो गया।



निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा और वर्धमान जिलों में दोपहर 1 बजे तक औसतन 60 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। लोगों को सुबह से मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्रों के बाहर कतारों में खड़े देखा गया।


अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम मेदिनीपुर में 65 प्रतिशत, बांकुड़ा में 57.6 प्रतिशत और वर्धमान में 56.7 प्रतिशत मतदान हुआ। बड़ी संख्या में मतदाता सुबह सात बजे से मतदान केंद्रों के बाहर पंक्तिबद्ध खड़े देखे गये ताकि वे दिन की गर्मी से बच सकें।


मतदान के बीच तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक माकपा एजेंट को कथित रूप से पीटा और उसे एक मतदान केंद्र पर प्रवेश करने से रोका जबकि वर्धमान जिले के जमुड़िया विधानसभा क्षेत्र में एक अन्य मतदान केंद्र के निकट मिले दो बैग में बम बरामद किए गए। इस बीच वर्धमान जिले में एक चुनाव अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।


निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, "सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान में पूर्वाह्न 11 बजे तक मतदाताओं ने 38.65 प्रतिशत वोट डाले।इस दरम्यान पश्चिम मेदिनापुर जिले में 48 प्रतिशत, बांकुड़ा जिले में 32.51 प्रतिशत और बर्दवान जिले में 35.45 प्रतिशत वोट पड़े।" निर्वाचन अधिकारी ने मतदान के शांतिपूर्ण होने का दावा किया है, हालांकि अनेक स्थानों से हिंसा की खबरें हैं।


गौरतलब है कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के तहत सोमवार को पश्चिम बंगाल में पहले चरण के दूसरे हिस्से और असम में दूसरे और अंतिम चरण का मतदान हो गया।असम में दोपहर तीन बजे तक 60 सीटों पर 69.50 फीसद मतदान हुए जबकि बंगाल में 71.60 फीसद मतदान हुए।


रस्म अदायगी बतौर निर्वाचन आयोग ने अत्यधिक संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी मुहैया नहीं कराई है और साथ ही उसने सुरक्षा बलों की तैनात की गईं कंपनियों की संख्या बताने से इनकार कर दिया. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों कोमतदान केंद्रों के भीतर स्थिति संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि कतारों को व्यवस्थित रखने और भीड़ को संभालने का काम राज्य पुलिस बल कर रहा है। इस चरण में करीब 1500 माइक्रो पर्यवेक्षक, 23 आम पर्यवेक्षक और 36,600 से अधिक चुनाव कर्मी तैनात किए गए हैं।


नतीजा इस एहतियात का जो निकला ,वह चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है।


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि माकपा के दो एजेंटों को सुबह सात बजे चुनाव शुरू होते ही जमुड़िया सीट के संख्या 76 एवं 77 मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोका गया। इनमें से एक चुनाव एजेंट को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पीटा। उसके सिर में गंभीर चोटें आई हैं। घायल माकपा कार्यकर्ता को निकटवर्ती प्राइमरी हेल्थ सेंटर ले जाया गया।


अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता शेख शमशेर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।


इस बीच जमुड़िया सीट के तहत मतदान केंद्र संख्या 35 के निकट दो बैग मिले जिनमें बम रखे हुए थे। पुलिसकर्मी इन बमों को निष्क्रिय करने के प्रबंध कर रहे हैं।


वर्धमान जिले में पांडवेश्वर विधानसभा सीट के तहत मतदान केंद्र संख्या 234 पर एक चुनाव अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पहले चरण के पहले भाग के दौरान भी दो अधिकारियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।


जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव अधिकारी परिमल बौरी की मतदान केंद्र के भीतर मौत हो गई जिसके कारण कुछ देर के लिए मतदान बाधित हुआ। किसी अन्य अधिकारी के कार्यभार संभालने के बाद मतदान दोबारा शुरू हुआ। बौरी वर्धमान जिले के जमुरिया का निवासी थे।


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