गुरुजी कहिनः
बंगला देश पटाया और अम्बानी
और अदानी के साम्राज्य के
विस्तार के लिए दरवाजे खोल
दिये.
4 hrs ·
मोदी की वक्तृता कला का तो मैं भी कायल हो गया हूँ. यह एक ऐसी कला है जो प्राय: अपने खोटे माल को भी असली के रूप में बेचने वालों में में भी होती है. बंगला देश पटाया और अम्बानी और अदानी के साम्राज्य के विस्तार के लिए दरवाजे खोल दिये.
यही नहीं इसके खुराफाती दिमाग में जो भी आता है वह भले ही जनहित में दिखाई दे पर उसके भीतर बालि कबीरा ले गया पंडित ढूँढे खेत वाली स्थिति ही होती है . सारा माल और मुनाफा पूँजीपति का और नाम गरीबों के कल्याण का. बारह रुपये साल में दुर्घटना बीमा. यदि यह ५० करोड़ लोगों ने भी कराया तो प्रति वर्ष ६ अरब रुपये का हुआ. यदि साल में बीमित लोगों में से दस हजार दुर्घटनाएँ भी हुईं तो मात्र २ अरब रुपये का ही भुगतान करना होगा. चार अरब फिर भी बच गये. १० साल में चालीस अरब. यह तय है कि. मोदी महाराज की यह मोटी रकम उसी तरह जीवन बीमा निगम की अपेक्षा अपने राम-लक्ष्मण (अदानी- अम्बानी) के श्री चरणों में ही अर्पित करेंगे, जैसे रेलवे को डीजिल आपूर्ति का ठेका मात्र एक रुपये लीटर कम का बहाना लेकर ओ.एन.जी.सी. की जगह अम्बानी को दे दिया गया. (रेलवे हर साल ४ अरब लीटर डीजिल खरीदती है)
यही नहीं इसके खुराफाती दिमाग में जो भी आता है वह भले ही जनहित में दिखाई दे पर उसके भीतर बालि कबीरा ले गया पंडित ढूँढे खेत वाली स्थिति ही होती है . सारा माल और मुनाफा पूँजीपति का और नाम गरीबों के कल्याण का. बारह रुपये साल में दुर्घटना बीमा. यदि यह ५० करोड़ लोगों ने भी कराया तो प्रति वर्ष ६ अरब रुपये का हुआ. यदि साल में बीमित लोगों में से दस हजार दुर्घटनाएँ भी हुईं तो मात्र २ अरब रुपये का ही भुगतान करना होगा. चार अरब फिर भी बच गये. १० साल में चालीस अरब. यह तय है कि. मोदी महाराज की यह मोटी रकम उसी तरह जीवन बीमा निगम की अपेक्षा अपने राम-लक्ष्मण (अदानी- अम्बानी) के श्री चरणों में ही अर्पित करेंगे, जैसे रेलवे को डीजिल आपूर्ति का ठेका मात्र एक रुपये लीटर कम का बहाना लेकर ओ.एन.जी.सी. की जगह अम्बानी को दे दिया गया. (रेलवे हर साल ४ अरब लीटर डीजिल खरीदती है)
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