अचानक ये लफंगा घुस आया खिड़की से...पूछा कौन हो भाई , किससे मिलना है...बस चिर चिर करता रहा और अब कमरे के एक कोने में दुबका है... पता चला की घर के बाहर जिन चिड़िया ने घोसला बनाया है ये महाशय उनके बेटे है. बिना बताये चले आये हैं. मां ने बाहर चिल्ला चिल्ला कर आसमान उठा रखा है..ये पहली उड़ान पर मेरी खिड़की से अन्दर आ गए हैंसमझ नहीं आ रहा मां बेटे का मिलन कैसे करवाऊं....ये जांबाज़ मेरी किसी हरकत से डर भी सकता है और कहीं भी छलांग लगा कर खतरे में पड़ सकता है... .
.(बेटी होती तो मां को परेशान ना करती इस लिए बेटा लिखा,)
ये क्या हो गया आजकल के बच्चों को..?
No comments:
Post a Comment