सरकार आदिवासियों की समस्याओं को न करे अनदेखी
कोलकाता: राज्य में आदिवासियों की समस्याएं बनी हुई हैं. तृणमूल सरकार आदिवासियों की समस्याओं की अनदेखी न करे. यह बात ऑल इंडिया आदिवासी महासभा के महासचिव छत्रपति साही मुंडा ने कही. रविवार को ऑल इंडिया आदिवासी महासभा की केंद्रीय कमेटी की बैठक महानगर स्थित भूपेश भवन में संपन्न हुई. बैठक में मुंडा भी शरीक हुए थे.
मुंडा ने आरोप लगाया कि केवल बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में आदिवासियों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है और संविधान के अनुरूप उन्हें जितनी सुविधाएं मिलनी चाहिए उतनी नहीं मिल पा रही है. बंगाल में पुरुलिया, बांकुड़ा, वीरभूम, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर व झाड़ग्राम आदिवासी बहुल इलाके हैं. कथित तौर पर राज्य सरकार द्वारा दावा किया गया है कि जंगलमहल इलाके में शांति है और वहां कोई समस्या नहीं हैं.
मुंडा ने सवाल उठाया कि यदि जंगलमहल इलाके में शांति है तो वहां केंद्रीय वाहिनी की तैनाती क्यों है? आरोप के मुताबिक जंगलमहल इलाके में अब भैरव वाहिनी आदिवासियों पर दबाव बना रही है, आदिवासियों की जमीन हड़पी जा रही है. ऐसी घटनाओं पर जल्द से जल्द अंकुश लगाया जाना चाहिए. कई जगहों पर तो आदिवासियों को दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल भी प्राप्त नहीं हो रहा है. जानकारी के मुताबिक बैठक रविवार की सुबह करीब 10 बजे से शुरू हुई. बैठक में सीआर बक्शी, भाकपा नेता प्रबोध पंडा समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे
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