कल ललितासन, फ़िक्सासन, मूर्खासन आदि की इतनी चर्चा रही कि ICHR के सदस्य सचिव गोपीनाथ रविन्द्रन के इस्तीफे की बात कोने में दब गयी. वहाँ भाजपा-संघ द्वारा बिठाए गए जिस तरह के लोगों के बीच गोपीनाथ रविन्द्रन घिरे थे, उसे देखते हुए यह दुर्घटना देर-सबेर होनी ही थी. अभी कुछ समय पहले यह खबर भी आई थी कि ICHR की वेबसाइट पर डालने के लिए जब उन्होंने नए सदस्यों से उनका बायोडाटा माँगा तो गंभीर लिखत-पढ़त से धेला भर मतलब न रखने वाले इन पुराणपंथीयों में ख़ासा हडकंप मच गया था. ऐसे असुविधाजनक व्यक्ति का इस्तीफा अविलम्ब मंज़ूर होगा, इसमें संदेह नहीं, जैसे सेंसर बोर्ड वालों का हुआ था.
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