RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
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जगेन्द्र सिंह की हत्या में खनन माफिया सपा सरकार संलिप्त- रिहाई मंच
खनन माफिया मंत्रियों पर कार्रवाई न करके अखिलेश सरकार ने बढाया राम
मूर्ति जैसों का मनोबल
राम मूर्ति जैसों की जगह मंत्रालय नहीं जेल में हैं
लखनऊ 10 जून 2015। रिहाई मंच ने आरोप लगाया कि खनन माफिया और प्रदेश
सरकार के राज्यमंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा, कोतवाल श्री प्रकाश राय व
अन्य द्वारा शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह को जिंदा जलाने की घटना
नेे प्रदेश में गुंडा और माफिया की सरकार होने को फिर से पुष्ट कर दिया
है। मंच ने कहा कि राम मूर्ति जैसे लोगों की जगह मंत्रालय नहीं बल्कि जेल
में है। मंच ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए राम
मूर्ति सिंह को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है।
पत्रकार व रिहाई मंच राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनिल यादव ने कहा कि राज्य
मंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा, जो कि बलात्कार आरोपी और खनन माफिया हैं,
की काली करतूतों को जगेन्द्र ंिसंह द्वारा लगातार बेनकाब किया जा रहा था।
सत्ता के मद में डूबे राम मूर्ति सिंह ने जगेन्द्र सिंह पर फर्जी मुकदमें
लदवाए और फिर उनकी हत्या करवा दी। जगेन्द्र सिंह ने गर्रा नदी में राम
मूर्ति वर्मा और इनके भतीजे अमित वर्मा द्वारा सपा सरकार के संरक्षण में
किए जा रहे अवैध खनन को बेनकाब किया था और मत्रीं और उनके करीबियों पर
स्मैक कारोबार को प्रश्रय देने का आरोप भी लगाया था। उन्होंने कहा कि
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में गायत्री प्रजापति, विनोद सिंह पंडित, मनोज
पारस जैसे खनन, भू-माफियाओं, हत्या और बलात्कार आरोपियों की भरमार है।
पत्रकार व रिहाई मंच नेता हरेराम मिश्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा
मंत्री द्वारा पत्रकार को जिंदा फंूक देने की घटना सूबे में भ्रष्टाचार
के खिलाफ हर आवाज उठाने वालों व शासन-प्रशासन के ईमानदार कर्मचारियों व
अधिकारियों को यह चेतावनी देने की कोशिश है कि अगर वह सरकार के भ्रष्ट
तंत्र में संलिप्त नहीं होंगे तो उनका भी यही हश्र होगा। पिछले दिनों जिस
तरह से अवैध खनन रोकने वाले झांसी के तहसीलदार गुलाब सिंह को सपा राज्य
सभा सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव द्वारा धमकी देने का मामला हो या फिर
बिजनौर में एसपी अखिलेश कुमार द्वारा खनन रोकने पर उनके तबादले का मामला
हो इन सभी प्रकरणों में अखिलेश यादव की चुप्पी ने राम मूर्ति सिंह वर्मा
जैसे आपराधिक तत्वों के मनोबल को बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि
जिस तरीके से पूर्व पुलिस महानिदेशक अंबरीश चन्द्र शर्मा और जेल में बंद
सपा नेता शैलेन्द्र अग्रवाल द्वारा थानों व जिला पुलिस मुख्यालयों की
बिक्री के तहत पुलिस प्रशासन के स्थानांतरण का कारोबार सामने आया है उस
पर सपा सरकार की चुप्पी साफ करती है वह भी इसमें शेयर होल्डर है।
द्वारा जारी
शाहनवाज आलम
प्रवक्ता, रिहाई मंच
09415254919
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Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
E-mail: rihaimanch@india.com
https://www.facebook.com/rihaimanch
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जगेन्द्र सिंह की हत्या में खनन माफिया सपा सरकार संलिप्त- रिहाई मंच
खनन माफिया मंत्रियों पर कार्रवाई न करके अखिलेश सरकार ने बढाया राम
मूर्ति जैसों का मनोबल
राम मूर्ति जैसों की जगह मंत्रालय नहीं जेल में हैं
लखनऊ 10 जून 2015। रिहाई मंच ने आरोप लगाया कि खनन माफिया और प्रदेश
सरकार के राज्यमंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा, कोतवाल श्री प्रकाश राय व
अन्य द्वारा शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह को जिंदा जलाने की घटना
नेे प्रदेश में गुंडा और माफिया की सरकार होने को फिर से पुष्ट कर दिया
है। मंच ने कहा कि राम मूर्ति जैसे लोगों की जगह मंत्रालय नहीं बल्कि जेल
में है। मंच ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए राम
मूर्ति सिंह को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है।
पत्रकार व रिहाई मंच राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनिल यादव ने कहा कि राज्य
मंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा, जो कि बलात्कार आरोपी और खनन माफिया हैं,
की काली करतूतों को जगेन्द्र ंिसंह द्वारा लगातार बेनकाब किया जा रहा था।
सत्ता के मद में डूबे राम मूर्ति सिंह ने जगेन्द्र सिंह पर फर्जी मुकदमें
लदवाए और फिर उनकी हत्या करवा दी। जगेन्द्र सिंह ने गर्रा नदी में राम
मूर्ति वर्मा और इनके भतीजे अमित वर्मा द्वारा सपा सरकार के संरक्षण में
किए जा रहे अवैध खनन को बेनकाब किया था और मत्रीं और उनके करीबियों पर
स्मैक कारोबार को प्रश्रय देने का आरोप भी लगाया था। उन्होंने कहा कि
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में गायत्री प्रजापति, विनोद सिंह पंडित, मनोज
पारस जैसे खनन, भू-माफियाओं, हत्या और बलात्कार आरोपियों की भरमार है।
पत्रकार व रिहाई मंच नेता हरेराम मिश्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा
मंत्री द्वारा पत्रकार को जिंदा फंूक देने की घटना सूबे में भ्रष्टाचार
के खिलाफ हर आवाज उठाने वालों व शासन-प्रशासन के ईमानदार कर्मचारियों व
अधिकारियों को यह चेतावनी देने की कोशिश है कि अगर वह सरकार के भ्रष्ट
तंत्र में संलिप्त नहीं होंगे तो उनका भी यही हश्र होगा। पिछले दिनों जिस
तरह से अवैध खनन रोकने वाले झांसी के तहसीलदार गुलाब सिंह को सपा राज्य
सभा सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव द्वारा धमकी देने का मामला हो या फिर
बिजनौर में एसपी अखिलेश कुमार द्वारा खनन रोकने पर उनके तबादले का मामला
हो इन सभी प्रकरणों में अखिलेश यादव की चुप्पी ने राम मूर्ति सिंह वर्मा
जैसे आपराधिक तत्वों के मनोबल को बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि
जिस तरीके से पूर्व पुलिस महानिदेशक अंबरीश चन्द्र शर्मा और जेल में बंद
सपा नेता शैलेन्द्र अग्रवाल द्वारा थानों व जिला पुलिस मुख्यालयों की
बिक्री के तहत पुलिस प्रशासन के स्थानांतरण का कारोबार सामने आया है उस
पर सपा सरकार की चुप्पी साफ करती है वह भी इसमें शेयर होल्डर है।
द्वारा जारी
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प्रवक्ता, रिहाई मंच
09415254919
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