देश में पहली बार – याक़ूब की फांसी पर रात 3 बजे SC में सुनवाई – LIVE UPDATES
रात 11 बजे – वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, आनंद ग्रोवर समेत कई और वकील देश के चीफ जस्टिस के निवास पर पहुंचे और उनसे इस मामले में विशेष सुनवाई की अपील की…
रात 1.30 बजे तक – रजिस्ट्रार दो बार चीफ जस्टिस के घर पहुंचे…
2 बजे – यह तय हुआ है कि 2.15 पर सुप्रीम कोर्ट में ही याक़ूब की सुनवाई होगी। यह अपने आप में एक तरह से अकेली घटना है।
2 बज कर 8 मिनट – सुप्रीम कोर्ट में आवाजाही शुरु।
2 बज कर 10 मिनट – वकील आनंद ग्रोवर करेंगे, याक़ूब की पैरवी, जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच में सुनवाई होगी।
2 बज कर 10 मिनट – जस्टिस जे ए राय और जस्टिस जे पी पंत भी शामिल हैं।
2 बज कर 15 मिनट – महाराष्ट्र सरकार और पुलिस को सूचना दी गई। फैसले तक प्रतीक्षा करने का आदेश दिया गया।
2 बज कर 18 मिनट – सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट नम्बर 4 में होगी मामले की सुनवाई।
2 बज कर 25 मिनट – अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
2 बज कर 30 मिनट – सुनवाई के विरोध में प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
2 बज कर 45 मिनट – जज चेम्बर में पहुंचे, अभी तक सुनवाई शुरु नहीं।
2 बज कर 55 मिनट – नागपुर में भी जेल के बाहर प्रदर्शनकारियों की भीड़, जय माता दी- वंदे मातरम के नारे।
3 बजे – सुप्रीम कोर्ट के बाहर, प्रशांत भूषण पर हमला करने वाले संगठन भगत सिंह क्रांति सेना का प्रदर्शन
3 बज कर 10 मिनट – रिफरेंस के लिए बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की लाइब्रेरी खुलवाई।
3 बज कर 20 मिनट – सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फांसी पर रोक की याचिका पर सुनवाई शुरु की।
3 बज कर 25 मिनट – सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नम्बर 4 में याक़ूब मेमन की फांसी पर सुनवाई शुरु। आनंद ग्रोवर और प्रशांत भूषण कर रहे हैं, याक़ूब की पैरवी। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी भी मौजूद।
3 बज कर 35 मिनट – याक़ूब की पैरवी करते हुए, वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने कहा कि उसको दया याचिका खारिज होने के बाद भी हर हाल में 14 दिन की मोहलत मिलनी चाहिए। लाल किला हमला मामले में भी .ही हुआ था।
3 बज कर 40 मिनट – आनंद ग्रोवर ने जेल मैन्युअल का हवाला दिया और कहा कि याक़ूब का क़ानूनन ही क़ानूनी सलाह के लिए 14 दिन का वक़्त मिले।
3 बज कर 45 मिनट – वकीलों ने न्यायलय से कहा कि याक़ूब के परिवार को भी समय रहते सूचित नहीं किया गया, इसके लिए भी समय दिया जाना चाहिए। साथ ही दया याचिका खारिज की कॉपी मिलने के बाद ही फांसी दी जा सकती है।
3 बज कर 50 मिनट – वकील आनंद ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, “यह अधिकारों का सवाल है। दया याचिका के फैसले को चुनौती देना अधिकार है। हम राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती देना चाहते हैं।”
3 बज कर 51 मिनट – आनंद ग्रोवर ने अपना पक्ष रख कर, अपनी बात खत्म की। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार का पक्ष रखना शुरु किया।
3 बज कर 53 मिनट – मुकुल रोहतगी ने कहा, “पहली दया याचिका भी याक़ूब की सहमति से ही थी। उसे अलग कैसे माना जा सकता है। इस तरह सिस्टम कैसे काम करेगा?”
3 बज कर 55 मिनट – 2014 में दया याचिका खारिज होने पर उसे चुनौती क्यों नहीं दी? राष्ट्रपति के पास और भी बहुत काम हैं…याचिका डेथ वारंट से पहले आनी चाहिए थी। इस मामले का शत्रुघ्न चौहान मामले से कोई सम्बंध नहीं है। – मुकुल रोहतगी, अटॉर्नी जनरल
4 बजे – ये 4-5 साल का समय लेने की कोशिश है। इस तरह से तो किसी को भी फांसी दी ही नहीं जा सकेगी।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना है कि इस मामले में दया याचिका के खारिज होने के बाद जेल मैन्युअल के मुताबिक भी याकूब को फांसी से पहले 7 दिन का समय मिलना चाहिए। साथ ही इस मामले में कई अहम दस्तावेज अदालत के सामने पेश नहीं किए गए हैं।
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