व्यापम में क्या होता था? एडमिट कार्ड पूरा वही होता था, सिर्फ़ फोटोग्राफ़ बदलते थे। फोटो बदलकर नकली परीक्षार्थी एक्ज़ाम देता था। फिर..परीक्षा के बाद असली फोटो से उसे रिप्लेस कर दिया जाता था। जो मोटे असामी थे उनके मामलों में OMR शीट पूरी ख़ाली छोड़ दी जाती थी। ब्लैंक कॉपी पर नंबर दे दिए जाते थे। बाद में नंबर देने वाला विभाग RTI से OMR शीट मंगवा लेता था और जितने नंबर दिए, उतने गोले रंग दिए जाते थे।
शिक्षा मंत्री स्वयं शिवराज सिंह चौहान थे। कितने लोग व्यापमं के ज़रिए नियुक्त हुए? साढ़े तीन लाख। सिर्फ़ डॉक्टर्स नहीं, इंस्पेक्टर, दुग्ध निगम के अधिकारी, प्लाटून कमांडर, पुलिस कांस्टेबल। 1900 से ज़्यादा लोग जेल में हैं। मौत का 'आंकड़ा' अर्धशतक के क़रीब है। राज्यपाल का भी बेटा नहीं बचा। मर-मरा गया। आपको अब भी लगता है कि इसमें ‘बड़े नेता’ शामिल नहीं है?
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