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Monday, July 13, 2015

''ये उत्तर प्रदेश है... ये उत्तर प्रदेश है... ये उत्तर प्रदेश है... यहां हर पुलिस जांच बिलकुल सही होती है, यहां सबको इंसाफ मिलता है, यहां कोई निराश नहीं होता.''

अमिताभ-मुलायम प्रकरण को लेकर टाइम्स नाऊ चैनल पर हुई आधे घंटे की डिबेट में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता की हालत देख अगर आप हंस न दिए तो पैसे वापस. सपा को चाहिए कि वह फेसबुक पर सक्रिय अपने ऐसे युवा पेड एजेंटों को चैनलों पर पक्ष रखने का मौका दे जो पूर्व में क्रांतिकारी रहे हैं और आजकल पूरे के पूरे भ्रांतिकारी हो चुके हैं ताकि कम से कम वे पक्ष तो पूरी थेथरई व दबंगई से रख सकेंगे जिससे गलत होते हुए भी सपा सरकार के पक्ष में सही टाइप का माहौल निर्मित किया जा सके. सपा की तरफ से वकार साहब बिलकुले सच्चे किस्म के इंसान साबित होते रहे जो उतना ही बोलते रहे जितना उन्हें सिखा पढ़ा कर भेजा गया था. हालांकि उन्हें जितना लाइन लेंथ देकर भेजा गया था, उसके चैनल पर प्रकटीकरण के बाद लोग मुंह दबाकर हंसने को ज्यादा मजबूर हुए, सोचने को कम. एक जगह वो कहते हैं- ''ये उत्तर प्रदेश है... ये उत्तर प्रदेश है... ये उत्तर प्रदेश है... यहां हर पुलिस जांच बिलकुल सही होती है, यहां सबको इंसाफ मिलता है, यहां कोई निराश नहीं होता.'' माई गॉड, ऐसा झूठ तो भजपइये भी नहीं बोलते. दरअसल सही में फासीवाद और झूठ का राज्य देखना हो तो उत्तर प्रदेश सरकार एक टेस्ट केस से कम नहीं. अगर आपको अंग्रेजी समझने में दिक्कत नहीं तो टाइम्स नाऊ पर डिबेट के इस यूट्यूब वीडियो को जरूर देखें. इस डिबेट में Amitabh Thakur ने बहुत शानदार तरीके से और बेहद अनुशासित तरीके से अपनी टू द प्वाइंट बात रखी. लिंक ये है:https://www.youtube.com/watch?v=GeC7T21PsFQ
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