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Saturday, July 25, 2015

आज श्रीदेव सुमन का शहादत दिवस है


Indresh Maikhuri

आज श्रीदेव सुमन का शहादत दिवस है.1944 में आज ही के दिन यानि 25 जुलाई को 84 दिन की भूख हड़ताल के बाद उनकी शहादत हुई.श्रीदेव सुमन कांग्रेस के नेता थे.वे टिहरी में कोई राजशाही का तख्तापलट नहीं करना चाहते थे.वे तो टिहरी रियासत में राजा के अधीन ही उत्तरदायी शासन चाहते थे.गिरफ्तारी के बाद सुमन की यही मांग थी कि टिहरी के महाराजा स्वयं उनके मुकदमे की सुनवाई करें.पर राजसत्ता के मद में चूर टिहरी के राजा ने न तो सुमन की उत्तरदायी शासन की मांग स्वीकार की और न ही श्रीदेव सुमन का मुकदमा सुनना गवारा किया.देश की आजादी के 8 महीने बाद 11 जनवरी 1948 को कामरेड नागेन्द्र सकलानी और मोलू भरदारी की निर्णायक शहादत के उपरान्त ही टिहरी में राजशाही का खात्मा हुआ और 1949 में टिहरी रियासत का भारत में विलय हुआ.विडम्बना देखिये टिहरी के जिस राज परिवार के हाथ श्रीदेव सुमन,कामरेड नागेन्द्र सकलानी जैसे शहीदों के खून से रंगे हुए थे,उसी राजपरिवार के लोग 1952 से देश की संसद में टिहरी क्षेत्र के सांसद बन कर पहुँचते रहे हैं.1970 तक इस राजपरिवार को कांग्रेस ने संसद पहुँचाया.1991 के बाद श्रीदेव सुमन,नागेन्द्र सकलानी जैसे शहीदों के खून के धब्बे अपने दामन पर लिए हुए यह राजपरिवार भारतीय जनता पार्टी की मदद से संसद पहुँच रहा है.वर्तमान में इसी राजपरिवार की बहु माला राज्यलक्ष्मी शाह टिहरी की सांसद है.
कांग्रेस-भाजपा की देशभक्ति का यह अजब रंग है,वे शहीदों की समाधि पर फूल चढ़ाते हुए फोटो खिंचवाने में भी सबसे आगे हैं और शहीदों के कातिल,उनकी पार्टियों के "माननीय" जनप्रतिनिधि भी हैं !

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