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Monday, July 13, 2015

समता की बजाय समरसता... अर्थात् वर्णव्यवस्था रहेगी और चारों वर्णों में सामंजस्य बना कर रखा जाएगा. प्रजातंत्र अर्थात् लोकतंत्र नहीं, प्रजा का तंत्र. आप किसी की प्रजा रहेंगे... अर्थात् आपका कोई राजा रहेगा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पूछिए कि वह समता में विश्वास करता है या नहीं. उसका जवाब आएगा समाज में समरसता होनी चाहिए.
संघ से पूछिए लोकतंत्र में उसकी आस्था है या नहीं. जवाब आएगा प्रजातंत्र अनिवार्य है.
कुछ समझे आप ? शब्दों पर ध्यान दीजिए.
समता की बजाय समरसता... अर्थात् वर्णव्यवस्था रहेगी और चारों वर्णों में सामंजस्य बना कर रखा जाएगा. 
प्रजातंत्र अर्थात् लोकतंत्र नहीं, प्रजा का तंत्र. आप किसी की प्रजा रहेंगे... अर्थात् आपका कोई राजा रहेगा.
किसी के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों पर ध्यान दीजिए, उसकी मंशा समझने में आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी.

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