Sustain Humanity


Thursday, July 16, 2015

आदिवासियों की ज़मीनें बड़ी कमापनियों को देने के लिए बड़ी कंपनियों से पैसा खाकर मुख्य मंत्री की देखरेख में विशेष पुलिस अधिकारियों और पुलिस के हाथों आदिवासियों के साढ़े छह सौ गाँव जलवा दिए गए थे .

साबित हो गया है कि मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार के व्यापम नामक घोटाले में मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज़रूरी जानकारियाँ छुपाई थीं .
जिसने भी इस मामले की सच्चाई जानने की कोशिश करी उसे जान से मार डाला गया .
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की घोषणा करी है .
लेकिन भाजपा के राज में सीबीआई कुछ कर पायेगी इस पर मुझे शक है .
क्योंकि भाजपा के राज में इस तरह के एक मामले का मुझे भी अनुभव है
छत्तीसगढ़ में भी भाजपा का राज है
वहाँ के मुख्य मंत्री रमन सिंह हैं
आदिवासियों की ज़मीनें बड़ी कमापनियों को देने के लिए बड़ी कंपनियों से पैसा खाकर मुख्य मंत्री की देखरेख में विशेष पुलिस अधिकारियों और पुलिस के हाथों आदिवासियों के साढ़े छह सौ गाँव जलवा दिए गए थे .
सुप्रीम कोर्ट ने इस के खिलाफ़ फैसला दिया इसे संविधान विरोधी बताया और सरकार को आदेश दिया कि पुलिस वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ करो और जलाये हुए गाँव को दुबारा बसाओ
लेकिन सरकार ने एक भी पुलिस वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ नहीं करी, एक भी गाँव को दुबारा नहीं बसाया
जब मैंने और मेरे साथियों ने ऐसा करने की कोशिश करी तो मुझे छत्तीसगढ़ छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया और मेरे साथियों को जेल में डाल दिया गया ,
इसके बाद सरकार ने छत्तीसगढ़ में मुझ पर ढेरों फर्ज़ी मामले बना बना कर मेरे खिलाफ़ अनेकों वारंट निकाल दिए
अब मेरे छत्तीसगढ़ जाने पर पाबंदी है
इसके बाद सन 2011 में छत्तीसगढ़ सरकार ने फिर से तीन आदिवासी गाँव को जलाया .
गाँव के नाम थे ताड़मेटला, तिम्मापुरम और मोरपल्ली
इन तीन गाँव में पुलिस ने आदिवासियों के तीन सौ घर जला दिए पांच आदिवासी औरतों से बलात्कार किया
सोनी सोरी का भतीजा आदिवासी पत्रकार लिंगा कोडोपी जलाये गए गाँव में जाकर लोगों से मिला और इस घटना की जानकारी इकट्ठा करी .
इससे घबरा कर पुलिस ने पत्रकार लिंगा कोडोपी को घर से उठा लिया और इसके बाद दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अंकित गर्ग के घर ले जाकर लिंगा कोडोपी के मलद्वार में मिर्च और तेल में डूबा कर डंडा घुसेड़ दिया गया
इसके बाद लिंगा कोडोपी को फर्जी नक्सली मामलों में फंसा कर ढाई साल तक जेल में रखा गया.
गाँव जलाये जाने के तुरंत बाद मैंने दिल्ली से फोन कर के दंतेवाड़ा के कलेक्टर आर प्रसन्ना को फोन पर इन तीन गाँव को जलाये जाने की सूचना दी थी
कलेक्टर ने गाँव वालों के लिए खाने की सामग्री लेकर गाँव में जाने की कोशिश करी
लेकिन ऊपरी आदेश मिलने के बाद दंतेवाड़ा के तत्कालीन एसएसपी कल्लूरी ने कलेक्टर के सीने पर पिस्तौल टिका दी और कहा कि खबरदार जो जलाये हुए गाँव में गए
हमने इस बात पर शोर मचाया तो सरकार ने कहा कि ठीक है अगर कलेक्टर और एसपी का झगड़ा हुआ है तो दोनों को ट्रांसफर कर देते हैं
दोनों का ट्रांसफर किया गया लेकिन कुछ दिनों बाद गाँव जलाने वाले पुलिस अधिकारी कल्लूरी को प्रमोशन देकर वापिस ले आया गया .
गाँव जलाये जाने के तुरंत बाद मैंने फोन पर स्वामी अग्निवेश को गाँव जलाने की इस घटना के बारे में सूचना दी और उनसे आग्रह किया कि आप उन् गाँव में जाइए और आदिवासियों के लिए राहत सामग्री ले जाइए
स्वामी अग्निवेश ने जब इन गाँव में जाने की कोशिश करी तो उन पर सरकार ने हमला करवाया
स्वामी अग्निवेश ने खुद पर हुए हमले की बात की शिकायत सर्वोच्च न्यायालय में करी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई करेगी
जब सीबीआई की टीम मुख्य मंत्री रमन सिंह के इस खूनी खेल की जांच करने गयी तो छत्तीसगढ़ में सीबीआई की टीम पर सरकार की देख रेख में नियुक्त विशेष पुलिस अधिकारियों द्वारा हमला किया गया
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इस बात की गुहार करी कि सीबीआई टीम को छत्तीसगढ़ में सरकारी विशेष पुलिस अधिकारियों के हमलों से बचाया जाय
सीबीआई ने सरकार के हमलों से बचाने के लिए खुद के लिए सुरक्षा माँगी
अब सरकार ही सीबीआई पर हमला करेगी तो उसे कौन बचा सकता है ?
आज तक इस घटना की कोई जांच नहीं हुई
किसी को सज़ा नहीं हुई
सीबीआई द्वारा सर्वोच्च न्यायलय में खुद पर हुए हमले के बारे में दिया गया शपथ पत्र संलग्न है
ये भाजपाई और संघी किसी कानून और संविधान को नहीं मानते
अगर ज़रूरत पड़े तो ये लोग सीबीआई पर भी हमला कर सकते हैं
असली देशद्रोही हत्यारे यही संघी भाजपाई हैं
हमें इनसे ही देश को बचाना है

No comments:

Post a Comment