Sustain Humanity


Monday, December 21, 2015

और इस तरह एक और साइबर वार के बाद सुबह हो चली | रावण का मन पिघल गया और वह बहन शूर्पणखा को खोजने निकल गया |

वाह रे भाई नित्यानंद। बड़का कवि नित्हयानंद गायेन।हमउ तो तोके निछल्ला समझत रहे।कित्ती दफा समझाय़ा के फोटो उटो सेल्फी मा मगन ना रहियो।तोर वास्ते करने को ढेरो काम ह।हमउ मुा जाई तो हमार अधूरा कमा कौन करबो,सोचत नाही।कंटीन्यूटी फिल्म मा जरुरी बा तो जिंदगी मा अनिवार्य।

कविता तो बढ़िया लिखलल बाड़न।
ई पीस तो तो जबरजंग ह।हमउ दांथ चियार दिये।का करें,छत्तीस ना ह।कुछेक टूटल वानी।बाकीर सीना भी छप्पन इंच त नइखै।
पण तू एइसन ही रामयण बांचब तो सेहत हमार दुरुस्त हो जाई।हमउ ससुर सुबो सुबो मुह् धोये बिन बइठलन वानी केके कि लिखलन हमार भाई बिरादर।
लिखअ।खूब लिखअ।
लिखअ तो सेल्फी उल्फी ठीकै बा।
पलाश विश्वास


और इस तरह एक और साइबर वार के बाद सुबह हो चली | रावण का मन पिघल गया और वह बहन शूर्पणखा को खोजने निकल गया | वाल्मीकि ने रावण के मृत्यु के कारण भी बताएं हैं अपने कविता संग्रह 'रामायण' में | मुझे वो कारण बहुत ही उलझाने वाले लगे| अंत होते-होते सारा दोष रावण के कंधे पर डाल दिया उन्होंने !
लेडी दुर्गा जिन्होंने सरेआम महिषासुर नामक एक व्यक्ति का क़त्ल किया था | उनके खिलाफ़ भी किसी थाने में कोई FIR दर्ज नहीं ...रामबाबू भी स्वतंत्र हैं....वानर सेना के कुछ बहादुर जवान सेना भवन और नार्थ एवं साउथ ब्लोक के आस पास घूमते देखे जा सकते हैं और बाकी जिन्हें अयोग्य घोषित किया गया था वे कनाट प्लेस के कॉफ़ी हाउस और हनुमान मंदिर के पास तम्बू लगा बैठे हैं ....रामबाबू के भक्त उन्हें चना खिलाते हैं | पता चला कि वानर को चना खिलाने से बहुत पुन्य मिलता है | किसी मल बाबा ने टीवी पर बताया , भारत टीवी पर , हाँ वही टीवी जिसमें बाप की अदालत नामक एक टीवी शो चलता है उसी पर |
अब हम जैसों को भी सरकारी खजाने से चने खिलाने की बात चल रही है ...लोकसभा और विधानसभा में जल्दी ही इस मामले में कानून भी पास हो सकता है....यदि ऐसा हुआ तो सभी वानरों को सुबह शाम चने चबाने को मिलेंगे |

लक्ष्मण की बीवी रात भर रोती रही ....खबर है अपने बड़े भाई रामबाबू के साथ जंगल गया था ...और किसी लफ़ंगे से दोनों भाइयों का पंगा हो गया और फिर उस आदमी के चमचों ने लखन भैया की जमकर धुलाई कर दी | कुछ दिन बाद दोनों भाई घर लौटे तो देखा उनका घर जहाँ था वहां किसी उद्योगपति ने एक बड़ा सा शापिंग माल बना दिया है ...और उन्हीं के गाँव का प्रधान उस उद्योगपति का दोस्त है ...दोनों भाइयों ने कोर्ट में केस कर दिया ..घर वहीँ बनाएंगे....मामला चल रहा है ...चलता रहेगा

No comments:

Post a Comment