केंद्र सरकार ने पांच कश्मीरी अखबारों का विज्ञापन बंद करने का निर्देश दिया
भारतीय कश्मीर के कुछ अख़बारों में कथित भारत विरोधी प्रचार को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन अख़बारों को सरकारी विज्ञापन देना बंद करने का दिशानिर्देश जारी किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सभी केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को ये दिशानिर्देश जारी किया है, जिसके तहत पाँच अख़बारों को वित्तीय मदद और विज्ञापन नहीं दिया जाएगा.
कश्मीर टाइम्स के अलावा, अँगरेज़ी दैनिक ग्रेटर कश्मीर और राइज़िंग कश्मीर और उर्दू अख़बार बुलंद कश्मीर और एत्तलात पर ये प्रतिबंध लगाया जा रहा है. वैसे स्थानीय मीडिया संस्थानों को वर्षों से सरकारी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है. पिछले तीन वर्षों से स्थानीय टेलीविज़न चैनलों पर समाचारों का प्रसारण प्रतिबंधित है जबकि मोबाइल फ़ोन पर एसएमएस भी सीमित रखे गए हैं. मगर ये पहला मौक़ा है जबकि अख़बारों को विज्ञापन देने से सरकार इनकार कर रही है.
वैसे सरकारी प्रवक्ता फ़ारुख़ रिंज़ू ने बीबीसी को बताया कि उन्हें दिल्ली से अभी तक इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं मिली है. मगर वरिष्ठ पत्रकार परवेज़ बुख़ारी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह कश्मीर में प्रेस को ख़ामोश करने के लिए आर्थिक नाकाबंदी कर रही है. बुख़ारी के अनुसार, "ये बड़ा घटनाक्रम इस लिहाज़ से है कि कश्मीर से बाहर के पत्रकारों और संपादकों को भी पता चलेगा कि कश्मीरी मीडिया पर किस तरह का प्रतिबंध लगाया जा रहा है."
उनका कहना था कि कश्मीर घाटी में जब भी हालात बिगड़ते हैं या प्रेस में गंभीर मुद्दे उठाए जाते हैं तो उनके सुर इसी तरह बदले जाते हैं. सरकारी आदेश में कहा गया है कि अगर इन अख़बारों के सुर बदले तो इस फ़ैसले पर पुनर्विचार हो सकता है. स्थानीय पत्रकारों ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसी पाबंदियों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन भी किया है. साभार : बीबीसी
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