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Tuesday, July 14, 2015

भारत-पाकिस्तान: लौट के बुद्घू घर को आए! राजेंद्र शर्मा बे शक, रूस में उफा मेंं शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच हुई बातचीत और उसमें हुई पांच कदमों पर सहमति को, लौट के बुद्घू घर को आए का उदाहरण भी कहा जा सकता है।

नरेंद्र मोदी की सारी राजनीतिक मजबूरी और विशेष रूप से खुद पाकिस्तान में आतंकवादियों की बढ़ती ताकत के संदर्भ में नवाज शरीफ की सारी राजनीतिक कमजोरी के बावजूद, भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को पेंडुलम की इस नियति से मुक्ति दिलाए जाने के कम से कम अब तक कोई आसार नहीं हैं। बेशक, दोनों देशों के रिश्ते पेंडुलम बने रहने के लिए अभिशप्त नहीं हैं। लेकिन, कम से कम संघ-भाजपा के नजरिए से संचालित सरकार से तो इस नियति से मुक्ति की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

राजेंद्र शर्मा बे शक, रूस में उफा मेंं शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच हुई बातचीत और उसमें हुई पांच कदमों पर सहमति को, लौट के बुद्घू घर को आए का उदाहरण भी कहा जा सकता है।

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